इंटरनेट की धीमी गति से मिलेगा छुटकारा
आईएएक्स-आईईएक्स केबल प्रणाली से मिलेगी तीव्र कनेक्टिविटी
अन्तरजाल यानी इंटरनेट की धीमी गति और डेटा संबंधी समस्याओं से परेशान-हलकान होने-रहने वाले यूजरर्स के लिए एक बेहद अच्छी खबर है। निकट भविष्य में उन्हें इस समस्या से छुटकारा मिलने जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सबमरीन केबल सिस्टम यानी भारत-यूरोप-एक्सप्रेस केबल प्रणाली से तीव्र कनेक्टिविटी मिलेगी। भारत-केंद्रित इस आईएएस और आईएएस सिस्टम बनाने का नेतृत्व भारत की सबसे बड़ी मोबाइल ब्रॉडबैंड कंपनी रिलायंस जियो कर रही है।
डेटा जरूरते पूरा करने को भारतीय कंपनी बना रही है अंतरराष्ट्रीय सबमरीन केबल सिस्टम
भारतीय कंपनी रिलायंस जियो एक अंतरराष्ट्रीय सबमरीन केबल सिस्टम बना रही है। भारत-एशिया-एक्सप्रेस (आईएएक्स) सिस्टम भारत को पूर्व की ओर सिंगापुर और उससे आगे कनेक्ट करेगा जबकि भारत-यूरोप-एक्सप्रेस (आईईएक्स) सिस्टम भारत को पश्चिम की ओर मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ेगा।इस परियोजना के तहत रिलायंस जियो अगली पीढ़ी के दो सबमरीन केबल डालेगा जिससे पूरे भारतीय क्षेत्र की डेटा जरूरतों पूरा किया जा सकेगा। रिलायंस जियो द्वारा कुल 16 हजार किमी के दो समुद्री डेटा केबल डाले जाएंगे।
200 टीबीपीएस से अधिक की क्षमता प्रदान करेगा यह हाई स्पीड सिस्टम
वर्ष 2016 में जियो के लॉन्च के बाद से ही भारत में डेटा की मांग में असाधारण उछाल आया है। डेटा खपत में आए इस उछाल की वजह से भारत आज अंतरराष्ट्रीय डेटा नेटवर्क मानचित्र पर उभर आया है। यह हाई स्पीड सिस्टम करीब 16,000 किलोमीटर की दूरी तक 200 टीबीपीएस से अधिक की क्षमता प्रदान करेगा।
जियो कर रहा है भारत-केंद्रित अपनी तरह के इस पहले सिस्टम को बनाने का नेतृत्व
स्ट्रीमिंग वीडियो, रिमोट वर्कफोर्स, 5जी, आईआईटी जैसी मांगों को पूरा करने के लिए इस अपनी तरह के पहले भारत-केंद्रित इस आईएएस और आईएएस सिस्टम बनाने का नेतृत्व जियो कर रहा है। वैश्विक महामारी के बीच इस महत्वपूर्ण काम को अंजाम तक पहुंचाना एक चुनौती है लेकिन इस महामारी ने डिजिटल सेवाओं के लिए उच्च-स्तरीय कनेक्टिविटी की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है।
भारत को एशिया प्रशांत बाजारों से जोड़ेंगी आईएएक्स-आईईएक्स प्रणाली
आईएएक्स-आईईएक्स प्रणाली के माध्यम से भारत दुनियाभर के बाजारों से जुड़ जाएगा। आईईएक्स केबल सिस्टम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत को एशिया प्रशांत बाजारों से जोड़ेगा, इससे मुंबई, चेन्नई, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर तक एक्सप्रेस कनेक्टिविटी मिलेगी। आईईएक्स प्रणाली भारत को यूरोप में इटली मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका तक जोड़ेगी।