प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पूरे विश्व के सामने कोरोना महामारी से मुकाबले में योग उम्मीद की किरण बना हुआ है और 'योग से सहयोग तक 'का मंत्र एक नए भविष्य का मार्ग दिखाएगा, मानवता को सशक्त करेगा।
मोदी ने सोमवार को सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अपने संबोधन में कहा , “ आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की एक किरण भी बना हुआ है। दो वर्ष से दुनिया भर के देशो में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ हों लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह ज़रा भी कम नहीं हुआ है।
भगवद् गीता का हवाला देते हुए मोदी ने कहा , “गीता में कहा गया है कि दुखों से वियोग को, मुक्ति को ही योग कहते हैं। सबको साथ लेकर चलने वाली मानवता की ये योग यात्रा हमें ऐसे ही अनवरत आगे बढ़ानी है। चाहे कोई भी स्थान हो, कोई भी परिस्थिति हो, कोई भी आयु हो, हर एक के लिए, योग के पास कोई न कोई समाधान जरूर है।”
उन्होंने कहा , “ आज विश्व में, योग के प्रति जिज्ञासा रखने वालों की संख्या बहुत बढ़ रही है। देश-विदेश में योग प्रतिष्ठानों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। ऐसे में योग का जो मूलभूत तत्वज्ञान है, मूलभूत सिद्धांत है, उसको कायम रखते हुए, योग, जन-जन तक पहुँचे, अविरत पहुँचे और निरंतर पहुँचे, ये कार्य आवश्यक है। और ये कार्य योग से जुड़े लोगों को, योग के आचार्यों को, योग प्रचारकों को साथ मिलकर करना चाहिए। हमें खुद भी योग का संकल्प लेना है, और अपनों को भी इस संकल्प से जोड़ना है।'योग से सहयोग तक 'का ये मंत्र हमें एक नए भविष्य का मार्ग दिखाएगा, मानवता को सशक्त करेगा।”