आज तकनीक में नित-नई प्रगति देखने को मिल रही है, कंप्यूटर द्वारा विकसित नई तकनीक ने बड़ी तेजी से हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है. पहले व्यवसायिक क्षेत्रों में अधिक मात्रा में मानव श्रम लगता था जों कि तकनीक के आ जाने से धीरे-धीरे कम होता चला गया है. इसीलिए समय की मांग के हिसाब से हर बिज़नेस को अधिक लाभ कमाने के लिए नई तकनीकों को अपनाना ज़रूरी होता जा रहा है. कम्प्यूटरों ने आज व्यवसायिक क्षेत्रों में काम आसान बना दिया है.
कंप्यूटर के बाद अब एक नई तकनीक जो बिज़नेस में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती उसका लगातार विकास किया जा रहा है. यह कंप्यूटर की वर्तमान तकनीक से भी कहीं ज्यादा विकसित है. इस तकनीक का नाम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है. विश्व भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है. कई कम्पनियां अपने काम में और अधिक सुधार लाने के लिए इस तकनीक का उपयोग कर रही है.
जिस तरह मनुष्य का दिमाग अपने रोजमर्रा के कामों को करने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करके तुरंत फैसले लेने का काम करता है, उसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसी कृत्रिम बुद्धि है इंसानों के द्वारा विकसित की जा रही है, जिसके माध्यम से इस कृत्रिम बुद्धि में इंसानों की तरह फैसला लेने की क्षमता विकसित हो सके. इस क्षमता के विकसित हो जाने से कंपनियां सही सुविधा अपने ग्राहकों तक तेजी से उपलब्ध करवा सकती है. बहुत से ऐसे काम है जो व्यवसायिक क्षेत्रो में व्यक्ति का ज्यादा समय बर्बाद कर देते हैं जैसे कि कुछ जरुरी मेल भेजना, कोई मीटिंग फिक्स करना या किसी विशेष आंकड़े को खोज कर निकालना इसीलिए अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग उन क्षेत्रो में होता है तो तेजी और सटीकता से जो फैसले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ले सकता है उसका कोई दूसरा सानी नही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का निर्माण कम्प्यूटरों में कुछ कोडिंग (प्रोग्रामिंग) करके किया जाता है. इस तरह इस तकनीक के द्वारा कोई भी मशीन खुद सोचने, समझने और सीखने की क्षमता का विकास कर लेती है. जिसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा सभी तरह का डाटा मशीनों में स्टोर कर दिया जाता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मशीने सिखने लगती है, बिल्कुल एक छोटे बच्चे की तरह जिसको एक एक चीज धीरे-धीरे करके सिखाई जाती है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक चार अलग अलग कैटेगरी में विभाजित है. सबसे पहले ऐसी मशीने आती है जो सिर्फ एक निश्चित दिया हुआ काम ही पूरा कर सकती है जैसे आधुनिक रोबोट जो फेक्टरियों में कटाई, पिसाई, रंगाई इत्यादि जैसे काम करते है. दुसरे नंबर पर ऐसी मशीने हैं जो पहले से रिकॉर्ड प्रोग्रामों के आंकड़ों का अध्यन करके अपने रिजल्ट देती है जैसे कंप्यूटर में उपयोग होने वाली विभिन्न तरह के सॉफ्टवेयर जो कंपनियों को सही और गलत फैसलों कि जानकारी देते है. तीसरे नंबर पर वह मशीने होती है जो मानव बुद्धि की तरह खुद फैसले लेकर काम को पूरा करती है. खुद फैसले लेने वाली मशीने और तकनीक आसानी से कई समस्याओं का हल निकालती है. इसलिए इस तकनीक पर लगातार रिसर्च की जा रही है.
वर्तमान में व्यवसायिक क्षेत्रो में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा खूब किया जा रहा है. फेसबुक, अमेज़न, और यु ट्यूब जैसी कंपनियां आज इसका खूब उपयोग कर रही है. आपने ओके गूगल और सीरी जैसे ऐप इस्तेमाल किये होंगे जो आपके निर्देशों पर ज़वाब देते है या फिर फेसबुक में सजेस्ट फ्रेंड की सूची जरुर देखी होगी इसके अलावा आप इन्टरनेट पर अपने खोजे गये कपडे, मोबाइल फोन और जूतों को भी बार बार अपने मोबाईल की स्क्रीन पर शो होते हुए देखते होंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यही कमाल है कि यह अपने यूजर या ग्राहक के आंकड़ो के रोजाना की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए अपने आप से ही उनको रिजल्ट दिखाने लगती है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभिन्न तरीको से व्यवसायों में इस्तेमाल हो रहा है.
व्यावसायिक इंफ्रास्ट्रक्चर- इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज ऐसे ऑनलाइन प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहा है जिससे कंपनियों के ग्राहकों को ऑनलाइन चैट द्वारा बिना किसी मानव व्यक्ति के ही ग्राहक सहायता दी जा सकती है.
साइबर सिक्योरिटी- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ फेस डिटेक्शन और मोशन डिटेक्शन का उपयोग करके साइबर सिक्योरिटी जैसे खतरों से कंपनियों को बचाया जा सकता है.
चिकित्सा- चिकित्सा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके इलाज को और ज्यादा सक्षम बनाया जा सकता है. जिन हिस्सों तक इंसानी डॉक्टरों की पहुच नही होती आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से यह काम बड़ा सरल होता जा रहा है.
सुचना के क्षेत्र – आज कंपनियां अपना बिज़नेस एक देश में ही नही बल्कि अपने बिज़नेस को ग्लोबली प्रमोट करना चाहती है जिसके लिए भाषा इत्यादि की समस्याएँ न हो उसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके ऐसे ट्रांसलेटर इस्तेमाल किये जा रहे है जो तुरंत किसी भी भाषा को बदल देते है.
डाटा को पढना- जब व्यवसाय में बड़ी मात्रा में आंकड़ो और डाटा को पढ़ा जाता है तो यह सब चीज प्रतिव्यक्ति अतिरिक्त समय बर्बाद कर देती है इसलिए ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम तैयार किये जा रहे है जो की एक बहुत बड़े डाटा में से जरुरी तथ्यों को खुद ही निकाल कर अपने आप सामने कर दे.
अकाउंट और खातो का रखरखाव– इन खातो का रखरखाव करना एक बड़ी जिम्मेदारी का काम होता है जइस कारण इस काम में कई बार गलतियों की गुंजाइशें रह जाती है. इस फील्ड में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग आंकड़ों को सही क्रम में अपने आप छांटने और कई तरह के डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड की सुरक्षात्मक रूप से ट्रांजेक्शन आदि करने के लिए यह तकनीक एक सुरक्षित और सटीक काम कर सकती है.
इस तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्तमान में व्यवसाय को मोनेटाइज करने के लिए काफी ज्यादा उपयोगी सिद्ध हो रही है तो चलिए अब इस तकनीक का इतिहास जान लेते है.
इंसान हमेशा से ही एक जिज्ञासु प्राणी रहा है, बस इसी जिज्ञासा का कारण है कि एक दिन जॉन मैकार्थी नाम के के व्यक्ति ने यह सोचा कि क्या मशीनें भी खुद इंसानों की तरह सोच सकती है, जिसके बाद 1955 में उसने एक शोध कार्यक्रम अपने मित्रो के साथ मिलकर शुरू कर दिया जिसमे उसने पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शब्द का उपयोग किया.
उसके बाद कई देशों का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक पर ध्यान गया जिसके बाद
1981 – जापान ने एक पंच वर्षीय योजना कंप्यूटर के विकास के लिए शुरू की.
जापान के बाद ब्रिटेन ने भी एल्वी प्रोजेक्ट की शुरुआत शुरुआत करके कम्प्यूटरों को विकसित किया.
एक यूरोपियन कंपनी ने 1983 में माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलोजी की स्थापना की.
इस तरह 21 वीं सदी तक आते आते यह तकनीक लगातार विकसित होती गई जिसके तहत तरह-तरह के रोबोट मार्केट में आने लगे और इसके विकास चरण अभी भी लगातार जारी चल रहे है.
इस तरह से हम यह कह सकते है कि भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व्यवसाय करने का तरीका ही बदल देगा जिसमे कुछ नए आयाम जुड़ेंगे तो कुछ ख़त्म भी होंगे. इस तकनीक का उपयोग करके बहुत से रोजगार कम होने की संभावना तो की जा सकती है, लेकिन इस तकनीक को सुचारू रूप से चलाने के लिए नये कामो का रोजगार भी लोगो को मिलेगा.
Web Title: Use of Artificial intelligence in Business