अन-एकेडमी: पढ़िये कभी भी, कहीं भी

20-09-2019 14:47:04
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आज के दौर में हर अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा के लिए अच्छे शिक्षक तो चाहता है परन्तु वर्तमान में अच्छे शिक्षक मिलना अत्यंत ही दुष्कर कार्य है.
एक अच्छे शिक्षक के साथ-साथ विद्यार्थी को विद्यालय में अच्छे माहौल की भी जरुरत होती है.
कई सालों से विद्यार्थी एक परम्परागत तरीके से शिक्षा के लिए स्कूलों पर निर्भर हैं, जो अब एक रूटीन सा हो चूका है.
तकनीकी विकास और संचार के साधनों में विस्तार के बाद एक नया माध्यम प्रचलन में आया है, ‘ऑनलाइन शिक्षा’.
इस दौर में ऑनलाइन शिक्षा ने पुरानी पारंपरिक शिक्षा से हट कर कई नये विकल्प दिए हैं.
स्कूली शिक्षा को ऑनलाइन शिक्षा में बदलने वाले नए माध्यमों ने आज शिक्षा को आसान बनाया है.
ऑनलाइन शिक्षा का ही एक प्रचलित माध्यम है, अन-एकेडमी.

क्या है अन-एकेडमी

जैसा कि आप अन-एकेडमी के नाम से ही जान सकते हैं कि इसके नाम में ही एकेडमी शब्द जुड़ा हुआ है जिसका मतलब होता है एक संस्थान, अगर हम उस शब्द में अन लगा देते हैं तो यह अन-एकेडमी बन जाता है जिसका मतलब हो जाता है बिना संस्था का. अन-एकेडमी ने एक उदाहरण पेश किया है कि कैसे एक संस्था के ना होते हुए भी इसने अच्छे अध्यापको के द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षित करने का काम किया है. अन-एकेडमी का लक्ष्य स्कूलों की तरह विद्यार्थियों को अच्छे मार्क्स लाने के लिए पढ़ाना नही हैं बल्कि उनको अच्छी नॉलेज देने की दिशा में यह प्लेटफार्म लगातार काम कर रहा है. अन-एकेडमी की शुरुआत एक स्टार्टअप द्वारा भारत में हुई है जो आज शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइया छू रहा है. अन-एकेडमी की शुरुआत रमन सैनी ने अपने कुछ साथियों के साथ मिल कर की थी. रमन सैनी शुरू से ही एक सफल विद्यार्थी थे जिन्होंने एम्स के एंट्रेंस एग्जाम की परीक्षा पास की थी. 2013 में उन्होंने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विस सेवा की परीक्षा भी पास कर ली थी, जिसके बाद उन्होंने अपने आईएएस के पद से स्थिफा दे दिया था. रमन सैनी समाज के लिए कुछ हट कर करना चाहते थे जिसके बाद उन्होंने एजुकेशन के क्षेत्र में काम करना शुरू किया. 2010 में उन्होंने अन-एकेडमी की शुरुआत की जिसका मकसद था ऑनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षित करना.
अन-एकेडमी की शुरुआत अच्छी नही हुई थी परन्तु कुछ ही समय बाद छात्रों ने अन-एकेडमी से जुड़ना शुरू कर दिया जब विद्यार्थियों को इसके एजुकेशन विडियो पसंद आने लगे तब इस प्लेटफार्म पर टीचर्स की संख्या भी बढती गई जिसके बाद अन-एकेडमी मार्केट में ऑनलाइन टीचिंग के क्षेत्र में उभरकर सामने आया.
क्या काम करता है अन-एकेडमी
अन-एकेडमी एक ऐसा ऑनलाइन टीचिंग प्लेटफार्म है जहाँ पर विद्यार्थी आसानी से घर बैठे किसी भी विषय पर एजुकेशन विडियो देख सकते है. इस प्लेटफार्म में एक विडियो लेक्चर द्वारा अलग-अलग विषयों पर विडियो बनाई जाती है. यह विडियो प्रोफेशनल टीचर्स द्वारा बनाई जाती है. अन-एकेडमी आज भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म बन गया है जहां पर विद्यार्थी निशुल्क एजुकेशन विडियो देख सकते है.
अन-एकेडमी पर आईआईटी, नीट, गेट, जेईई, स्किल कोर्स, सरकारी एग्जाम, लैंग्वेज कोर्स और बिज़नेस से जुड़े लेक्चर आपको आसानी से उपलब्ध हो जाते है, जिसके लिए आपको महंगे-महंगे कोचिंग सेंटर जाने की जरुरत नही पड़ती.
अन-एकेडमी ने अपनी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर 2000 से अधिक ऑनलाइन विषयों पर लेसन डाले हुए है. आज यूट्यूब पर अन-एकेडमी के 3.50000 से ज्यादा सस्क्राइबर है.
अन-एकेडमी अपने विडियो लेक्चर कई अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध करवाता है जिससे हर भाषा का छात्र अपने विषय की जानकारी प्राप्त कर पाता है. अन-एकेडमी अपने विद्यार्थियों के लिए 10 से 15 मिनट की विडियो बनाता है जो आसानी से कोई भी विद्यार्थी किसी भी समय देख सकता है.

Unacademy Team (Pic: techcrunch.com)

ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म क्यों है ज़रूरी

आज भारत में कई ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म मार्केट में उभरे है, उसका सबसे बड़ा कारण यही है कि इन्टरनेट के बढ़ते उपयोग ने एक बहुत बड़ी संख्या में लोगों को अपने साथ जोड़ा है. जिस कारण इन्टरनेट आजकल हर क्षेत्र में उपयोग होने लगा है. शिक्षा के क्षेत्र में भी इन्टरनेट का उपयोग होने की वजह से यह शिक्षा को और आसानी से लोगों तक पहुंचा पा रहा है. जितने भी ऑनलाइन टीचिंग और लर्निंग प्लेटफार्म हम आज इन्टरनेट पर देख रहे है ये सब पारंपरिक किताबी व्यवस्था को पीछे छोड़ते जा रहे है.
इन ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म के आने से पहले बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर मार्केट में खुलने लगे थे, जिनमे पढ़ कर शिक्षा पाना हर किसी विद्यार्थी के लिए संभव नही था. जबकि कुछ कोचिंग सेंटर ऐसे क्षेत्रो में होते है जिनको एजुकेशन हब बोला जाता है लेकिन हर किसी विद्यार्थी का उस स्थान पर जाकर बसना और पढ़ाई कर पाना मुश्किल था. इसी दूरी को ख़त्म करने का काम यह ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म करते है.
पारंपरिक शिक्षा प्रणाली में विद्यार्थी को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा नही मिलती जबकि ऑनलाइन प्लेटफार्म में विद्यार्थी कई अलग-अलग टीचर्स के लेक्चरों को सुन सकता है. इसके अलावा पारंपरिक व्यवस्था में एक बार अगर विद्यार्थी को कोई पाठ पढ़ा दिया गया तो अध्यापक उस पाठ को दुबारा नही पढ़ा पाता है जबकि ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म में विद्यार्थी किसी विशेष पाठ की विडियो को बार-बार देख कर सही से विषय को समझ सकता है.
ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म विद्यार्थियों को कभी भी पढ़ने की आजादी देता है साथ ही इस एजुकेशन प्लेटफार्म में विद्यार्थियों को आकर्षक विडियो, ग्राफ और उदाहरणों के साथ आसानी से समझाया भी जा सकता है.
पारंपरिक शिक्षा व्यवस्था में एक ही तरह का बोर्ड , क्लासरूम और वातावरण होने के कारण ना तो टीचर ठीक से विद्यार्थियों को पढ़ा पा रहे है और ना ही बच्चे ठीक से कक्षा में मन लगा पाते है.

अन-एकेडमी ने आज जिस तरह विद्यार्थियों और शिक्षा की दुरी को काम किया है वह काफी सरहानीय है. इस तरह के प्लेटफार्म आसानी से विद्यार्थियों को शिक्षित कर सकते है. शिक्षा में तकनीक के नयें उपयोगो ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मार्ग विद्यार्थियों के लिए खोला है.
आने वाले समय में तकनीक में और नये विकास के साथ इस क्षेत्र में और अधिक परिवर्तन देखने को मिल सकते है.

Web Title: Unacademy India’s Largest Learning Platform

Featured Image (Pic:dribbble.com)


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