लॉकडाउन के दौरान गरीब मजदूर और बेसहारा लोगों की मदद के लिए सरकार की ओर से भले ही तरह तरह की योजनाओं की घोषणा की गई हो लेकिन अपने वतन जाने के लिए हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर आज आनंद विहार बस अड्डे के पास पहुंच गए है।शाहदरा जिले के पुलिस उपायुक्त ने बताया कि चार सौ बसें आज यहां से रवाना हुई है। उन्होंने कहा कि करीब 15 हजार लोग अब भी आनंद विहार बस स्टैंड पर मौजूद हैं।सभी को यहां से भेजने के लिए बसों को लाया जा रहा है।उनका दावा है कि रात में बस अड्डे को खाली करा लिया जाएगा।
दिल्ली से मजदूरों के पैदल बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में अपने वतन जाने की मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पर इस तरह की वीडियो और तस्वीरें वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सरकारों ने इन मजदूरों काे उनके गन्तव्य स्थानों तक पहुंचने के लिए बसों की घोषणा की थी। दोनों सरकार की ओर से बसों की घोषणा के बाद कल रात से राजधानी के विभिन्न इलाकों से गरीब मजदूर आनंद विहार पहुंचने लगे थे।शनिवार पूरे दिन दिल्ली के एक कोने से दूसरे कोने से लोग घंटों पैदल चलकर आनंद विहार पहुंचे।
दिल्ली में इनके लिए जिंदगी इतनी मुश्किल है कि इन्हें हर हाल में अपना गांव पहुंचना है। अपनी गृहस्थी सिर पर संभाले इन मजदूरों को न तो सोशल डिस्टेंसिंग की चिंता है और ना ही कोरोना का डर। मजदूरों का हुजूम अपने घरों की ओर लौटने की जद्दो-जहद में लगा है।
गुरुग्राम और मानेसर से बड़ी संख्या में लोग अपने पूरे परिवार के साथ जिसमें छोटे छोटे बच्चे भी शामिल थे, आंनद विहार की ओर रिंग रोड के रास्ते जा रहे थे। गुरुग्राम की एक फैक्ट्री में काम करने वाले कर्ण सिंह ने महारानी बाग के पास आब्जर्वर डॉन को बताया कि फैक्टी बंद होने के कारण अपने घर दादरी जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह पैदल ही दादरी जाएंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में 21 दिनों तक देशभर में पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसका सख्ती से पालन करने का आह्वान करते हुए घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया था। दिल्ली सरकार की ओर से आज से चार लाख लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाने की घोषणा की गई है।