दिल्ली-एनसीआर में बड़ी त्रासदी की आशंका
दिल्ली में आ सकता है 6.5 तीव्रता ताका भूकंप दो महीने में 14 झटके, इस समय एक्टिव हैं फॉल्ट - नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो महीने में 14 बार भूकंप आ चुका \ सबसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप 29 मई को 4.5 तीव्रता वाला था। एक्सपर्ट के अनुसार, बार बार आ रहे इन झटकों से यह पता चल रहा है कि दिल्ली-एनसीआर के फॉल्ट इस समय एक्टिव हैं। इन फॉल्ट में 6.5 तीव्रता\ की क्षमता वाला भूकंप आ सकता है, लेकिन इसके आने का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए ना तो कोई उपकरण है
और न ही कोई मैकेनिज्म। हिमालयी बेल्ट में बड़ा भूकंप आता है, तो एनसीएस (नैशनल सेंटर ऑफ राजधानी पर इसका काफी असर पड़ेगा। सिस्मेलॉजी) के रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली- उनके अनुसार, छोटे-छोटे भूकंप आने से यह एनसीआर के फॉल्ट में सन 1700 से अब साफ है कि इस समय दिल्ली की यह लोकल तक 4 बार, 6 या इससे अधिक तीव्रता फॉल्ट एक्टिव हैं। के भूकंप आए हैं। 27 अगस्त 1960 में 6 जोन 5 में भी है दिल्ली का तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसका केंद्र फरीदाबाद था। वहीं 1803 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र मथुरा रहा था। दिल्ली-एनसीआर भूकंप की जोन 4 में अभी राजधानी की जो स्थिति है, उसमें 6.5 है। 2014 में एनआईएस ने माइक्रो जोन तीव्रता के भूकंप में भी काफी नुकसान पहुंच स्टडी की थी। इसके मुताबिक राजधानी का सकता है। एनसीएस के पूर्व हेड डॉ. एके लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा जोन-5 में है, जो शुक्ला के अनुसार, राजधानी को हिमालय भूकंप को लेकर सबसे अधिक संवेदनशील बेल्ट से काफी खतरा है, जहां 8 तीव्रता वाले है। इन हिस्सों में ज्यादा तैयारियां की जानी भूकंप आने की क्षमता भी है। यहां पिछले चाहिए। पुरानी बिल्डिंगों को भूकंप के लिए कई साल में बड़ा भूकंप नहीं आया है। अगर तैयार करने की जरूरत है। दिल्ली-एनसीआर की इमारतें सुरक्षित नहीं दिल्ली एनसीआर की बसावट की बात करें तो पिछले कुछ साल में यहां आबादी काफी बढ़ी है। स्टडीज के अनुसार, ऐसे में 6 तीव्रता वाला भूकंप यहां काफी नुकसान पहुंचा सकता है। अगर दिल्ली के 200 किलोमीटर दूर हिमालय रीजन में 7 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है, तो भी राजधानी के लिए खतरा है। भूकंप के लिहाज से दिल्ली- एनसीआर की उंची इमारतें सुरक्षित नहीं है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यहां की इमारतों में इस्तेमाल होने वाली निर्माण सामग्री ऐसी है, जो भूकंप के झटकों का सामना करने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दिल्ली के 91.7 प्रतिशत मकानों की दीवारें पक्की ईंटों से बनी हैं, जबकि कच्ची ईंटों से 3.7 प्रतिशत मकानों \ की दीवारें बनी हैं। इन इमारतों में भूकंप के दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत आती है। दिल्ली का कुछ हिस्सा करीब 30 फीसदी भाग खतरे के निशान पर एनआईएस की साल 2014 के एक अध्ययन के मुताबित दिल्ली का 30 फीसदी भाग भूकंप के जोन पांच में आता है जो काफी संवेदनशील इलाके हैं। इन हिस्सों में भूकंप को लेकर ज्यादा तैयारी करने की आवश्यकता है। एक्सपर्ट के अनुसार, पिछले दो साल में दिल्ली रीजन में 64 भूकंप आए हैं, जिनकी तीव्रता 4 से 4.9 के बीच रही, वही 8 भूकंप की तीव्रता 5 या इससे अधिक रही। स्टडी के अनुसार राजधानी में 6 तीव्रता वाला भूकंप भी बड़ी तबाही मचा सकता है। दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र में 4.6 करोड़ से ज्यादा की आबादी है, यहां की आबादी का घनत्व 11,297 प्रति वर्ग किलो मीटर का है। अगर दिल्ली से 200 किमी दूर भी 7 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो यह राष्ट्रीय राजधानी में बड़ी तबाही मचा सकता है। आबादी का घनत्व अधिक होने से यहां जानमाल का नुकसान बड़ी संख्या में हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, कई इमारतों का गलत तरीके से निर्माण इन्हें रेत में भी धंसा सकता है। भूकंप के लिहाज से दिल्ली के कई इलाकों में उंची इमारतें सुरक्षित नहीं है। दिल्ली एनसीआर सहित दुनिया के कई इलाकों में धरती कांप रही है. भूकंप के कई झटके आ चुके हैं. जिसे देखते हुए वैज्ञानिकों ने आशंका जाहिर की है कि भूकंप के ये झटके गंभीर रुप लेते हुए किसी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकते हैं. धरती पर आने वाले इस संभावित जलजले का कनेक्शन आकाश के साथ साथ पाताल से भी है. देश में पिछले कुछ दिनों से लगातार भूकंप के झटके धरती के अंदर किसी बड़ी हलचल का संकेत दे रहे हैं. निकट भविष्य में ये भूचाल किसी बड़े हादसों का कारण बन सकते हैं. IIT(इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के शोधकर्ताओं ने आशंका जाहिर की है कि दिल्ली-एनसीआर(Delhi NCR)इलाके में जल्दी ही किसी बड़े भूकंप की आशंका है.