बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने राज्य में अफसरशाही के मुद्दे को लेकर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी की ओर से सवाल उठाए जाने पर आज कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में अफसर कैसे काम किया करते थे यह किसी से छुपा हुआ नहीं है।
मोदी ने मंगलवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रतिपक्ष के नेता जो सवाल पूछते हैं वह जवाब देने योग्य नहीं होता है। प्रतिपक्ष के नेता कहते हैं कि बिहार में अफसरशाही हावी है लेकिन उनके पिता लालू प्रसाद यादव जो प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब अफसर किस तरह से काम किया करते थे यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों से पिकदान उठवाते थे और खैनी मलवाते थे। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता ने यही सब देखा है इसीलिए वह शायद ऐसी ही अफसरशाही चाहते हैं, जिसकी जरूरत बिहार को नहीं है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में दलितों, पिछड़ों या ऊंची जाति में पिछड़ों के लिए यदि किसी ने कुछ काम किया है तो वह नरेंद्र मोदी की सरकार है। जिस गठबंधन में भाजपा रही है उस सरकार ने ही काम किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद)-कांग्रेस कभी भी पिछड़ों का विकास नहीं कर सकती है।
मोदी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पिछड़ों का नेता बताए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि वह पिछड़ों के सही मायने में हिमायती थे तो क्यों 23 वर्ष तक बिहार में पंचायत चुनाव नहीं कराया। बाद में चुनाव कराया गया भी तो अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जबकि स्पष्ट प्रावधान है कि पिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करें।