कांग्रेस ने कहा है कि विपक्षी दल संसद में पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस और आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते दामों के साथ ही किसानों की समस्या पर तीन दिन से चर्चा कराने की लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार इन मुद्दों पर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।
राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, उपनेता आनंद शर्मा, राज्यसभा सदस्य अखिलेश सिंह और दीपेंद्र हुड्डा ने बुधवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दाम, आवश्यक वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों और किसानों की समस्या पर संसद के दोनों सदनों में अपनी बात रखने की सरकार से मांग की जा रही है लेकिन सरकार इन मुद्दों को लेकर संसद में चर्चा करने को तैयार नहीं है।
खड़गे ने कहा कि तेल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिये हैं। देश में पेट्रोल आज सबसे ज्यादा कीमत पर बिक रहा है और उनकी पार्टी सरकार से इस बारे में हिसाब पूछना चाहती थी और इसी मांग को लेकर तीन दिन से संसद में सरकार से चर्चा की गुहार लगायी जा रही है लेकिन सरकार जनता से जुड़े इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है।
उन्होंने कहा कि तीन दिन से उनकी पार्टी संसद में किसानों और महंगाई के मुद्दे पर सरकार से चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं और इसके लिए पार्टी के सदस्य लगातार प्रयास कर रहे हैं कि सरकार उनकी बात सुने और इन मुद्दों को संसद में उठाने दे, लेकिन सरकार अड़ गयी है और वह किसानों, गरीबों और मजदूरों की समस्या पर किसी की भी कोई बात सुनने को तैयार नहीं है।
शर्मा ने कहा कि संसद भारतीय लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंच है, जहां जनता की बात रखना विपक्ष का दायित्व होता है। कांग्रेस उसी दायित्व का निर्वहन करते हुए संसद में जनता से जुड़े मुद्दे उठाना चाहती है और इसके लिए बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन से ही प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन सरकार विपक्ष की इस मांग पर गौर करने को तैयार नहीं है। उनका कहना था संसद में विपक्ष को इस तरह के मुद्दे उठाने का अधिकार है और सरकार को जनता से जुड़े उसके सवालों का जवाब देना होता है।