भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया में बौद्ध धर्मगुरु गुरुओ ने आज वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध की 2565वीं जयंती सादगी के साथ मनाई।
वैश्विक महामारी कोरोना महामारी से बचाव एवं विश्व शांति की कामना को लेकर पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे विशेष पूजा की गयी। कोरोना के कारण बुद्ध जयंती सादगी से मनाई गई। इस मौके पर बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के कार्यालय से बौद्ध धर्म गुरु एवं प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा पवित्र खीर बनाकर विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर ले जाया गया, जहां महाबोधि मंदिर के प्रांगण में स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे विश्व शांति एवं कोरोना महामारी से बचाव को लेकर विशेष पूजा अर्चना की गई।
बौद्ध भिक्षु भंते सत्यानंद थेरो ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से आज हम लोग कम संख्या में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान बुद्ध का पूजा पाठ किया है। आज का दिन बौद्धों के लिए बहुत खास है क्योंकि भगवान बुद्ध की जयंती को हम लोग त्रिविध जयंती के रूप में मना रहे हैं। त्रिविध जयंती का अर्थ यह होता है कि आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, आज ही के दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और आज ही के दिन उनका महापरिनिर्वाण हुआ था। इसलिए हम लोग इसे त्रिविध बुद्ध जयंती के रूप में मनाते हैं। भगवान बुद्ध से यह प्रार्थना कर रहे हैं , कोरोना जैसी घातक महामारी का जल्द ही समाप्ति हो और पूरे विश्व में शांति एवं भाईचारा बना रहे।