उच्चतम न्यायालय ने रामनवमी और हनुमान जयंती पर हुई हिंसक घटनाओं की न्यायिक जांच की मांग संबंधी एक याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह याचिका विचार करने के योग्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा,“आप एक पूर्व न्यायाधीश से जांच करना चाहते हैं। माफ कीजिएगा! कोई भी खाली बैठा नहीं है।” तिवारी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर हुई कथित सांप्रदायिक हिंसा मामले की न्यायिक जांच एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश या पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराने का आदेश देने की गुहार लगाई थी।
याचिकाकर्ता ने तर्क देते हुए आरोप लगाया कि एकतरफा जांच चल रही है। सर्वोच्च न्यायालय को एक विस्तृत जांच के लिए निर्देश देना चाहिए। शीर्ष अदालत ने सवाल करते हुए कहा कि यह किस तरीके की याचिका है? यह विचार करने योग्य नहीं है।