बिहार में दूसरे चरण में तीन नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में वैशाली जिले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष चिराग पासवान के जीजा धनंजय कुमार के खड़े होने से उनकी प्रतिष्ठा दाव पर है।
राघोपुर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है। वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक यहां लालू यादव और उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का कब्जा रहा था। इस बार इस सीट से तेजस्वी यादव फिर से किस्मत आजमा रहे हैं। उनके सामने प्रतिष्ठा की इस सीट को बचाने की चुनौती है। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी और पूर्व विधायक सतीश कुमार यादव के साथ लगातार दूसरी बार होने जा रहा है। वर्ष 2015 में तेजस्वी यादव ने क्रिकेट की दुनिया छोड़ इस सीट से जीत दर्ज कर राजनीति में शानदार आगाज किया था । उस समय जदयू के निवर्तमान विधायक सतीश कुमार यादव ने विद्रोह का बिगुल फूंकते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था।
तेजस्वी यादव ने वर्ष 2015 के चुनाव में भाजपा के सतीश कुमार यादव को 22733 मतों के अंतर से मात दी थी। इससे पूर्व वर्ष 2010 में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) उम्मीदवार सतीश कुमार यादव ने राबड़ी देवी को 13006 मतों के अंतर से पराजित कर सबको चौका दिया था। इस बार के चुनाव में लोजपा ने राकेश रौशन को उतारा है जो मुकाबले को रोचक बनाने में लगे हैं। लालू-राबड़ी के गढ़ राघोपुर में कभी भाजपा का ‘कमल’ नहीं खिला है। इस सीट पर कुल 13 पुरुष और एक महिला समेत 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।
राजापाकड़ (सु) सीट से लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुयी है। लोजपा की टिकट पर दिवगंत राम विलास पासवान के दामाद धनंजय कुमार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला जदयू के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ रहे महेन्द्र राम और पूर्व मुख्यमंत्री राम सुंदर दास की रिश्तेदार तथा कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिमा कुमारी से माना जा रहा है। सेवानिवृत पुलिस उपाधीक्षक फरेस राम बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर चुनाव को रोचक बनाने में लगे हैं। वर्ष 2015 में राजद के शिवचंद्र राम ने लोजपा के रामनाथ रमण को 15155 मतों से हराया था। शिवचंद्र राम इस बार पातेपुर से चुनाव लड रहे हैं। राजापाकड़ सीट से 10 पुरुष और चार महिला समेत 14 प्रत्याशी चुनावी रण में डटे हैं।