रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चक्रवाती तूफान ताउ ते के कारण प्रभावित क्षेत्रों में खोजबीन एवं बचाव अभियानों के लिए सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक के प्रयासों की सराहना की है।
उन्होंने समुद्र में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की सराहना की जबकि प्रभावित स्थानों पर सेना तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों को ले जाने के लिए वायुसेना की भी प्रशंसा की।
सिंह चक्रवात के कारण उत्पन्न स्थिति की जानकारी लेने के लिए नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक के नटराजन के साथ लगातार संपर्क बनाये हुए हैं।
रक्षा मंत्री ने सोमवार को एक समीक्षा बैठक के दौरान सशस्त्र बलों को चक्रवात से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया था।
नौसेना तथा तटरक्षक बल ने अपने पिछले कुछ दिनों में मुंबई तट से चार नौकाओं से 600 से अधिक लोगों को बचाया है। नौसेना के जहाज एवं विमान फिलहाल मुंबई से 35 मील दूर डूबे बार्ज पी-305 के लापता चालक दल के सदस्यों का पता लगाने के लिए खोजबीन और बचाव अभियान में शामिल हैं। आईएनएस कोच्चि, कोलकाता, ब्यास, बेतवा, तेग, पी8आई टोही विमान, चेतक, और सीकिंग हेलीकॉप्टर भी खोजबीन व बचाव अभियान में शामिल हैं। आईएनएस तलवार को भी राहत और बचाव कार्य में सहायता के लिए बुलाया गया है। आज सुबह 7 बजे तक बार्ज पी-305 के कुल 186 लोगों को बचाया गया है तथा 37 शव बरामद किए गए हैं।
गुजरात तट के करीब आईएनएस तलवार ने सपोर्ट स्टेशन 3 और ड्रिल शिप सागर भूषण की मदद की थी, जिन्हें अब ओएनजीसी के सपोर्ट जहाजों द्वारा वापस सुरक्षित मुंबई लाया जा रहा है। इन जहाजों के 300 क्रू सदस्यों को मुंबई से आए नौसैनिक हेलीकॉप्टरों द्वारा भोजन और पानी भी उपलब्ध कराया गया। भारतीय तटरक्षक के जहाज भी खोजबीन और बचाव अभियान में शामिल हैं और उन्होंने केरल, गोवा और लक्षद्वीप तटों के करीब से विभिन्न मछली पकड़ने वाली भारतीय नौकाओं जैसे बधरिया, जीसस, मिलाद, क्राइस्ट भवन, पेरियानायकी एवं नोवस आर्क के चालक दलों को सुरक्षित लाने में भूमिका निभाई है।