केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उत्तराखंड जन संवाद वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि देवभूमि और वीर भूमि के साथ उत्तराखंड परिश्रम और पराक्रम की धरती है।
श्री सिंह ने कहा कि जब इस राज्य का निर्माण हुआ था, तो वह संयुक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इसलिए यहां के प्रत्येक क्षेत्र में उन्हें जाने का अवसर मिला है।
उन्हाेंने राज्य में कोविड-19 के दृष्टिगत किए गए काम के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को बधाई देते हुए कहा कि उनकी जितनी सराहना की जाए कम है। भराड़ीसैण में जो कोविड केयर सेंटर स्थापित हुआ है, उसकी सराहना केद्र से वहां गई टीम ने भी की है। उन्होंने कहा कि राज्य तेजी से विकास के मार्ग पर बढ़ रहा है। किसानों के कल्याण के लिए कदम उठाए हैं। कान्ट्रेक्ट फार्मिंग के एक्ट को बहुत उम्मीद से देखा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए बीज पर सब्सिडी को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया गया है। गौरा देवी कन्याधन योजना भी प्रमुख कार्यक्रम है। पलायन को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। स्थानीय युवाओं और घर लौटे प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। प्रवासियों को वापस लाने में सराहनीय काम किया गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में इन्वेस्टर्स समिट का महत्वपूर्ण आयोजन किया गया। भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई गई। गैरसैण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाई गई है। अटल आयुष्मान योजना में 40 लाख गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। काम बहुत सारे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केदारनाथ पुनर्निर्माण का काम हुआ है। मानसरोवर के लिए अब बीआरओ ने लिपुलेख तक एक लिंक रोड़ का निर्माण कर दिया है। धारचूला-लिपुलेख मार्ग बनने से मानसरोवर के लिए एक अन्य मार्ग हो गया है जिससे इस यात्रा में छह दिन का समय कम लगेगा।