मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सामाजिक सहभागिता से कोरोना महामारी की रोकथाम और बचाव के लिए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में युद्धस्तर पर लगातार सभी उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
चौहान ने कहा कि प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट लगातार घट रही है। जो 3 मई को घट कर 20.2 प्रतिशत हुई और आज 11 मई को घट कर 14.78 प्रतिशत हो गई है। यह सफलता शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण रोकने की तीन स्तरीय रणनीति की वजह से मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के समस्त आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को नि:शुल्क कोविड उपचार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना लागू की गई है। इस योजना में आयुष्मान कार्डधारी परिवारों का नि:शुल्क कोविड उपचार करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं। कोविड-19 का उपचार करने वाले 603 निजी चिकित्सालयों में से 188 निजी चिकित्सालय आयुष्मान योजना से पहले से ही समृद्ध है। 10 मई तक निजी चिकित्सालयों के आयुष्मान से सम्बद्ध होने के लिए 294 आवेदन प्राप्त हो चुके है, जिसमें से 106 निजी चिकित्सालयों को संबद्ध किया जा चुका है। कोविड-19 के उपचार से संबंधित कुछ निजी चिकित्सालयों में कोविड उपचार के निर्धारित प्रोटोकॉल एवं मापदंडों का उल्लंघन होने पर उन चिकित्सालयों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई भी की जा रही है। कार्रवाई के 97 प्रकरणों में 28 लाख 11 हजार रुपये जुर्माना, 36 प्रकरणों में नोटिस, दो प्रकरणों में लायसेंस का निलम्बन किया गया और 36 प्रकरणों में एफआईआर पंजीकृत करायी गई है।
चौहान ने कहा कि बीमारी के लक्षणों को छुपाए नहीं। सर्दी-जुकाम, बुखार होने पर भ्रम नहीं रखें। चिकित्सक की सलाह लेकर दवा लें। उन्होंने कहा कि कोरोना एक संक्रामक बीमारी है। इससे सरकार और सामाज मिलकर ही मुकाबला कर सकते हैं। समाज का उचित व्यवहार, रोकथाम और बचाव के उपायों को कड़ाई से अपनाकर ही कोविड-19 से बचा जा सकता है।
कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव के लिए जिला संकट प्रबंधन समूह के अतिरिक्त ब्लॉक और ग्राम स्तरीय तथा नगरीय क्षेत्रों में वार्ड स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों के गठन किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इन समूहों द्वारा ब्लॉक, ग्राम और वार्ड स्तर पर आपात स्थिति के नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के क्रियान्वयन तथा महामारी की रोकथाम के लिए सामाजिक सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 10 मई को 26 हजार 611 कोरोना संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों की सुपरवाईजरी टीम द्वारा जांच की गई, जिसमें से 899 व्यक्तियों को कोविड केयर सेंटर में रेफर किया गया है। 3273 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को फीवर क्लीनिक रेफर किया गया है। शहरी क्षेत्र में किल कोरोना अभियान के तहत प्रदेश में 10 मई को 6,227 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर 6,096 व्यक्तियों को मेडिकल किट प्रदान की गई और 937 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को फीवर क्लीनिक रेफर किया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका वैज्ञानिकों द्वारा जाहिर की गई है। प्रदेश में अधिकारियों की टीम, विशेषज्ञों और चिकित्सकों से लगातार चर्चा कर रही है। इसकी रोकथाम और बचाव के लिए अग्रिम रूप से हर संभव उपाय किए जाएंगे। बच्चों को सुरक्षित रखने का हर संभव प्रयास होगा। तीसरी लहर का आंकलन कर उचित फैसले लिए जायेंगे।