केंद्रीय मंत्री स्मृति इर्रानी मंगलवार को नोएडा में प्लास्टिक मुक्त और स्वच्छ भारत अभियान की अलख जगाई। इस क्रम में महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्री श्रीमती ईरानी ने जहां प्लास्टिक कचरे से निर्मित दुनिया के सबसे बड़े चरखे का लोकार्पण किया, वहीं जूट और कपड़े के थैले बांटे। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं के लिए बने पिंक टॉयलेट का लोकार्पण भी किया। अलग-अलग जगहों पर हुए कार्यक्रमों में गौतमबुद्धनगर के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.महेश शर्मा, नोएडा विधायक पंकज सिंह, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, नोएडा अपरेल एसोसिएशन क्लस्टर के अध्यक्ष ललित ठुकराल, संजय बाली समेत विभिन्न विभागों के तमाम अफसर, सामाजिक व औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारी और अनेक भाजपाई मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री स्मृति इर्रानी ने नोएडा के सेक्टर-94 में प्लास्टिक कचरे से बने चरखे का उद्घाटन किया। यह चरखा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में नवीन ओखला विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने बनवाया है। प्राधिकरण का दावा है कि प्लास्टिक वेस्ट से निर्मित यह विश्व का सबसे बड़ा चरखा है। श्रीमती इर्रानी ने इसके उपरांत नोएडा के सेक्टर-6 में प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान के तहत जन सामान्य को जागरूक करने के लिए कपड़े और जूट के थैलों का वितरण किया। उन्होंने यहां महिलाओं के सुविधार्थ बने पिंक शौचालय का भी लोकार्पण किया।
प्लास्टिक कचरे से बना दुनिया का सबसे बड़ा चरखा
नवीन ओखला विकास प्राधिकरण (नोएडा) के अफसरों के मुताबिक प्लास्टिक से यह दुनिया का सबसे बड़ा चरखा है। इस चरखे में 1650 किलोग्राम प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है। खास बात यह है कि 20 फीट लम्बा, 14 फीट ऊंचा और 8 फीट चौड़ा ये चरखा न केवल पूरी से तरह चलता है, बल्कि सूत कातने में भी सक्षम है। इस चरखे को बनाने में पॉलिथिन, प्लास्टिक के चम्मच, स्ट्रा आदि का इस्तेमाल किया गया है। यह सभी प्लास्टिक सामग्री नोएडा में विभिन्न जगहों से जब्त की गई थी। इस चरखे के स्थापना स्थल पर एक ट्रैफिक आईलैंड का निर्माण भी किया गया है।
गाजियाबाद के कलाकारों ने किया है निर्माण
प्लास्टिक कचरे से तैयार दुनिया के इस सबसे बड़े चरखे को बनाने के काम को गाजियाबाद के दो कलाकारों साक्षी झा और सरफराज अली ने अंजाम दिया है। प्राधिकरण ने इस चरखे को बनाने के लिए 1250 किलोग्राम पॉलिथिन, इन दोनों कलाकारों को दी थी। इन दोनों कलाकारों ने एक्रिलिक से इस चरखे का निर्माण किया है।
सर्टिफिकेट पाने को कर रखा है आवेदन
प्राधिकरण ने इस चरखे को प्लास्टिक कचरे से बना दुनिया का सबसे बड़ा चरखा बताते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इन्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से सर्टिफिकेट पाने के लिए आवेदन किया है।