उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी याचिका देर सोमवार को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस संबंध में कोई शोध नहीं किया है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए याचिकाकर्ता सी आर जयासुकिन से कहा कि ज्यादा बहस करेंगे तो भारी जुर्माना लगाएंगे।
याचिकाकर्ता ने हाथरस की घटना का जिक्र करते हुए याचिका में दलील दी थी कि राज्य में कानून व्यवस्था खराब है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा था कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे आपराधिक मामले उत्तर प्रदेश में अधिक हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, लिहाजा राष्ट्रपति शासन लगाया जाये। हालांकि, न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी।