भारत रत्‍न के बाद पद्म सम्मान हैं देश के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण

30-07-2020 19:00:20
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भारत रत्‍न के बाद पद्म सम्मान हैं देश के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण


भारत रत्‍न के बाद पद्म सम्मान पद्म सम्मान देश के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण हैं। पद्म सम्मान की तीन श्रेणियां पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री हैं। इनमें पहला पद्म विभूषण, दूसरा पद्म भूषण और तीसरा पद्मश्री है। देश के इन सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट और उल्लेखनीय योगदान देने के लिए भारत की असाधारण विभूतियों को अलंकृत किया जाता है।

वर्ष 1954 में की गई थी शुरूआत

देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्म सम्मान (पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्मश्री) देने की शुरूआत भारत सरकार द्वारा वर्ष 1954 में की गई थी।  वर्ष 1954 से पद्म पुरस्कार हर वर्ष दिए जाते रहे हैं, लेकिन वर्ष 1977-78 और 1993 से 1997 के बीच पद्म पुरस्कार नहीं दिए गए थे।  

प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस पर की जाती है घोषणा

आजादी के बाद अब से 66 वर्ष पहले स्थापित किए गए पद्म पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस पर की जाती है। पद्म सम्मान 'काम में विशिष्टता' की पहचान दिलाने का काम करता है। पद्म सम्मान कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि क्षेत्रों एवं विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों एवं सेवाओं के लिए प्रदान किए जाते हैं।

पद्म सम्मान के लिए कौन हो सकता है पात्र

भारत के पद्म सम्मान के लिए व्यवसाय, स्थिति या लिंग आदि बिना किसी भेदभाव के सभी व्यक्ति पात्र हैं। सरकारी, सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारी, डॉक्टर और वैज्ञानिक इस दायरे में शामिल नहीं हैं। पद्म विभूषण सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा पर प्रदान किया जाता है। पद्म भूषण सम्मान देश के लिये बहुमूल्य योगदान दिए जाने के लिए दिया जाता है। पद्मश्री सम्मान भारत सरकार की ओर से कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य,विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर सामान्यत: भारतीय नागरिकों को दिया जाता है।

किसी व्यक्ति को दिए जा सकते हैं तीनों श्रेणी के पद्म सम्मान

किसी एक व्यक्ति को पद्म सम्मानों की तीनों श्रेणी के सम्मान यानी पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्मश्री से सम्मानित किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए हरेक के बीच में कम से कम 5 वर्ष का अंतराल होना आवश्यक है। यह सम्मान एक वर्ष में अधिकतम 120 लोगों को दिए जा सकते हैं।

नाम संग पद्म सम्मान जोड़ना है अवैधानिक

पद्म सम्मान से सम्मानित व्यक्ति अपने नाम के आगे-पीछे इसे नहीं जोड़ सकता और न ही वह विजिटिंग कार्ड, लेटर हेड या किसी अन्य प्रपत्र पर इसका प्रयोग कर सकता है, ऐसा करना अवैधानिक है।

नहीं मिलती किसी तरह की कोई धनराशि या सरकारी सुविधा सेवा

पद्म पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति को किसी तरह की कोई धनराशि या सरकारी सुविधा सेवा नहीं मिलती है। पद्म सम्मान से पुरस्कृत नागरिक को एक प्रमाण पत्र के साथ ही संबंधित पदक की प्रतिकृति (रिप्लिका) प्रदान की जाती है।

15 सितंबर तक चलेगी ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया

वर्ष 2021 में गणतंत्र दिवस पर पद्म सम्मान दिए जाने के लिए पात्र नागरिकों का ऑनलाइन नामांकन करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2020 है। पद्म सम्मानों के लिए हर वर्ष 1 मई से 15 सितंबर के बीच नामांकन किया जाता है। गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों, भारत रत्न और पद्म विभूषण धारकों के साथ ही उत्कृष्ट संस्थानों से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने की दिशा में पूर्ण प्रयास करने को कहा है, जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, दिव्यांगजनों और समाज के लिए निःस्वार्थ सेवा में शामिल हों। गृह मंत्रालय ने ऐसे नागरिकों का नामांकन कराने का अनुरोध किया है।

ऑनलाइन प्राप्त किए जा रहे हैं नामांकन

पद्म सम्मानों के लिए नामांकन केवल ऑनलाइन ही प्राप्त किए जा रहे हैं। इसके लिए https://padmaawards.gov.in पोर्टल पर प्रविष्टियां भेजी जा सकती हैं। नामांकन संबंधी प्रविष्टियों के संदर्भ में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट www.mha.gov.in पर ‘पुरस्कार एवं पदक’ शीर्षक के अंतर्गत उपलब्ध हैं। नामांकन से संबंधित नियम-कानून का ब्यौरा https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx  वेबसाइट लिंक पर उपलब्ध है।

मोदी सरकार ने किया पुराने नियमों में परिवर्तन

बता दें कि पद्म सम्मान को लेकर मोदी सरकार ने पुराने नियमों में परिवर्तन करते हुए यह परंपरा शुरू की थी कि अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले नागरिकों को देश के इन प्रमुख पुरस्कारों से सम्मानित करने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि, गैरसरकारी या सामाजिक संगठन और सामान्य व्यक्ति किसी के भी नाम की अनुशंसा कर सकता है।

पद्म सम्मान को 'लोगों का पद्म' बनाने को प्रतिबद्ध है सरकार

सरकार पद्म सम्मान को 'लोगों का पद्म' पुरस्कार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसे दृष्टिगत रखते हुए सभी नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे नामांकन की प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर भाग लें और स्वनामांकन करने के साथ ही अन्य पात्र नागरिकों को भी नामांकित करें। नामांकन के लिए वेबसाइट पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिएं, जिसमें स्पष्ट रूप से संबंधित प्रतिष्ठित व्यक्ति की असाधारण सेवा, उपलब्धियां, संबंधित क्षेत्र,अनुशासन और उनके संदर्भ में अधिकतम 800 शब्दों में अनुशंसित उद्धरण शामिल होने चाहिएं।

'गुमनाम नायकों' के योगदान को सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्म सम्मान को लेकर पूर्व में जारी परंपरा की आलोचना करते हुए कहा था कि पहले यह सम्मान मंत्रियों और नेताओं की सिफारिश पर दिए जाते थे। सरकार का दावा है कि सबसे प्रतिष्ठित सम्मान से अब देश के 'गुमनाम नायकों' को उनके योगदान के लिए नवाजा जा रहा है। साथ ही फिल्मी हस्तियों के मुकाबले जन सामान्य के बीच से उभरने वाले नायकों को तरजीह देने की परंपरा को बढ़ावा दिया गया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय करता है नामों का चयन

पद्म सम्मान देने के लिए योग्य नागरिकों के नामों का चयन प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा किया जाता है। प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली समिति इस सूची को अंतिम रूप देती है। इसके उपरांत प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इसको स्वीकृति देते हैं। पद्म सम्मान, सामान्यत: मरणोपरांत नहीं दिए जाते, लेकिन सरकार किसी विशेष परिस्थिति में ऐसा निर्णय भी कर सकती है।


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