वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में किये गये बैंक सुधार और अन्य उपायों का हवाला देते हुये आज कहा कि पिछले छह वित्त वर्षाें में सरकारी बैंकों ने 501479 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की वसूली की है।
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से चर्चा में यह जानकारी देते हुये कहा कि मार्च 2018 के बाद 3.1 लाख करोड़ रुपये की वसूली की गयी है। वर्ष 2018-19 में 1.2 लाख करोड़ रुपये की वसूली की गयी है। उन्होंने कहा कि भूषण स्टील जैसी दिवालिया कंपनियों के निपटान से भी 99 हजार करोड़ रुपये से अधिक की वसूली है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में 21 से मात्र दो सरकारी बैंक मुनाफा कमा रहा था जबकि इस वर्ष मार्च में मात्र दो बैंक ही नुकसान में रहे।
उन्होंने कहा कि पिछले छह वित्तीय वर्ष में सरकार की चार ‘आर’ रणनीति लागू की गयी जिससे बैंकों ने 501479 करोड़ रुपये की वसूली की हैं। उन्होंने कहा कि अब बैंकों को पूंजी के लिए सिर्फ सरकार ही निर्भर नहीं पड़ रहा है बल्कि वे स्वयं बाजार से पूंजी जुटा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकार इन बैंकों में 20 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी डालने जा रही है। वर्ष 2017-18 में 90 हजार करोड़ रुपये, वर्ष 2018-19 में 1.06 लाख करोड़ रुपये, वर्ष 2019-20 में 70 हजार करोड़ रुपये और 2020-21 में 20 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया गया था।