केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज दो नये केंद्रीय विद्यालय, बेतिया और कोरबा का उद्घाटन किया है।
डॉ निशंक ने नये केंद्रीय विद्यालयों के खोले जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा, “देश में कुल 1245 केंद्रीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं और पिछले छह सालों में 151 नए केन्द्रीय विद्यालय देश में खोले गए हैं, जहां देश के 13,88,899 बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर उनका भविष्य गढ़ा जा रहा है। यह एक बहुत बड़ा कार्य एक अकेले संगठन द्वारा किया जा रहा है। मैं केन्द्रीय विद्यालय संगठन के समस्त शिक्षकों, कार्मिकों और अधिकारियों को हार्दिक बधाई देता हूं कि वे देश की भावी पीढ़ी को तैयार करने में अपना योगदान दे रहे हैं। ”
वर्ष 2003 में बेतिया में शुरू किया गया केन्द्रीय विद्यालय अभी तक अस्थायी रूप से चमड़ा परिष्करण इकाई में संचालित हो रहा था। इसके नये भवन के लिए राज्य सरकार ने लगभग 10 एकड़ भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाई और केंद्रीय विद्यालय संगठन ने 13.016 करोड़ रुपये की लागत से इसके नये भवन का निर्माण करवाया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फ़िलहाल बिहार में कुल 53 केन्द्रीय विद्यालय संचालित हैं, जिनमें चार केन्द्रीय विद्यालय दो शिफ्ट में संचालित किए जाते हैं। केन्द्रीय विद्यालय बेतिया, पश्चिम चंपारण में एक मात्र नया विद्यालय है, जहां पर अभी कक्षा एक से 10 में 489 विद्यार्थी पढ़ते हैं, जब यह विद्यालय कक्षा एक से 12 तक पूर्ण रूप से दो सेक्शन में संचालित हो जाएगा, तब इससे जिले के लगभग 1000 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
छत्तीसगढ़ के कोरबा में केंद्रीय विद्यालय के लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार ने 10 एकड़ भूमि उपलब्ध करवाई थी और जिस पर केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने 15.86 करोड़ की लागत से सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक भव्य भवन का निर्माण कराया है।
डॉ निशंक ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में भी सबको बताते हुए कहा,“ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हम लेकर आए हैं, उससे स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। यह नीति भविष्य के भारत को ध्यान में रखकर तैयार की गई है जिसमें केवल किताबी ज्ञान के बजाय व्यवहारिक ज्ञान पर भी जोर दिया गया है। विद्यार्थियों के लिए कक्षा छह से ही वोकेशनल ट्रेनिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिसमें इंटर्नशिप भी साथ जुड़ी होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी स्कूली स्तर से ही सिखाया जाएगा। साथ ही भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह नीति आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में सक्षम है।”
डॉ निशंक ने केंद्रीय विद्यालयों की प्रशंसा करते हुए कहा कि केन्द्रीय विद्यालयों में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में तमाम इनोवेशन किए जा रहे हैं, विद्यालयों में आधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के साथ-साथ डिजिटल भाषा प्रयोगशालाएं भी खोली जा रही हैं। हमारे शिक्षकों ने कोरोना संकट के दौरान भी शिक्षा का क्रम टूटने नहीं दिया. विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यमों से जोड़कर उन्हें निरंतर शिक्षा प्रदान की जाती रही है। शिक्षण के प्रति इसी लगन का परिणाम है कि केन्द्रीय विद्यालयों ने देश में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है।
उन्होनें बताया कि 1245 केन्द्रीय विद्यालयों में से 953 केन्द्रीय विद्यालय अपने स्वयं के भवनों से संचालित किए जा रहे हैं, शेष विद्यालयों के भवन निर्माण की प्रक्रिया भी बहुत तेजी के साथ चल रही है और जल्द ही ये विद्यालय भी अपने भवनों से संचालित किए जाएंगे।
इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, बिहार की उप मुख्यमंत्री और बेतिया की विधायक रेणु देवी, पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जायसवाल, बाल्मीकि नगर के सांसद सुनील कुमार, राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दूबे, पनपरिया के विधायक उमा कांत सिंह, बगहा से विधान पार्षद राजेश राम, बाल्मीकि नगर से माननीय विद्यान पार्षद वीरेन्द्र यादव इस ऑनलाइन कार्यक्रम से जुड़े।