केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने गुरूवार उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मिलकर उन्हें नई शिक्षा नीति के दस्तावेज पेश किए और इस नीति की विशेष उपलब्धियों से उन्हें अवगत कराया।
डॉ निशंक ने यहां श्री नायडू के निवास पर जाकर उन्हें इस दस्तावेज की एक प्रति पेश की।
श्री नायडू ने इस नई शिक्षा नीति को दूरदर्शी बताते हुए इस पर गहरी पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे देश के बच्चों और युवकों को गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने शिक्षा नीति को देश को एक ज्ञान आधारित समाज बनाने वाला और शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन लाने वाला बताते हुए कहा कि इस नीति में दुनिया भर की श्रेष्ठ शिक्षा प्रणाली और परंपराओं को समाहित किया गया है।
उपराष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि शिक्षा नीति में मातृभाषा में बच्चों को पढ़ाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज में देश में सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के साथ-साथ क्लासिकल भाषाओं पर भी जोर दिया गया है और एक समग्र दृष्टि विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति के दस्तावेज ने इस बात को प्रमाणित किया है कि किसी पर कोई भाषा न तो लादी जाएगी और न ही किसी भाषा का विरोध होगा।