अभी हाल में केंद्र सरकार
ने देश में एक नया एक्ट लागू कर दिया है. इस एक्ट का नाम है मोटर व्हीकल एक्ट.
देश की सड़को पर होने वाले हादसो को रोकने के उद्देश्य से लागू किये गये इस एक्ट
के लागू होने की वजह से लोगों को भारी चालान का सामना करना पड़ रहा है. इस एक्ट के
यातायात के नियमों का पालन ना करने की वजह से कटने वाले चालानों की राशि दुगनी कर दी
है.
मोटर व्हीकल एक्ट लगने
के बाद से ही देशभर की इस एक्ट की चर्चा हो गई. कोई इस एक्ट को उचित माना रहा है तो कोई इसके विरोध
में बाते करता हुआ दिखाई दे रहा है. दोनो तरह के लोगो के पास अपनी अपनी दलीले है.
इस नये
एक्ट को अब कानूनी चनौतियां भी मिलनी शुरू हो गई हैं. नये मोटर व्हीकल एक्ट को इलाहाबाद हाईकोर्ट में
चुनौती दी गई है. अधिवक्ता पूजा मिश्रा ने याचिका दाखिल की है. याचिका में वाहन
दुर्घटनाओं को कम करने के नाम पर जुर्माना बढ़ाने की वैधता को चुनौती दी गई है.
याचिका में जुर्माना राशि में कमी कर नियमों का कड़ाई से पालन करने की मांग की गई
है. 27 सितम्बर को जनहित याचिका पर सुनवाई होने की
संभावना है.
याची का कहना है कि
दुर्घटनाएं सड़कों की खस्ता हालत, नियमों का उल्लंघन
और रफ ड्राइविंग के चलते हो रही हैं. दुर्घटनाओं की रोकथाम के कोई उपाय नहीं किये
जा रहे हैं. सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है. याचिका में आगे कहा गया
है कि नये मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर आम लोगों पर भारी जुर्माना लगाकर जबरन
वसूली हो रही है.