भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने काशी पांडित्य परंपरा के महामहोपाध्याय पंडित रेवा प्रसाद द्विवेदी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
नड्डा ने शनिवार को अपने शोक संदेश में कहा, “काशी पांडित्य परंपरा के अनमोल रत्न, महामहोपाध्याय पं. रेवा प्रसाद द्विवेदी जी का निधन अत्यंत पीड़ादायक है। उनकी रचनाएं संस्कृत साहित्य अध्येताओं के लिए सदैव धरोहर रहेंगी।” उन्होंने कहा “ईश्वर पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें तथा शोक संतप्त परिजनों एवं समर्थकों को संबल प्रदान करें। ॐ शांति।”
काशी पांडित्य परंपरा के महामहोपाध्याय और साहित्य के प्रकांड विद्वान पं. द्विवेदी ने शुक्रवार को मध्य रात्रि में अंतिम सांस ली। द्विवेदी साहित्य शास्त्र के मूर्धन्य विद्वान थे। उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रमुख, साहित्य विभाग में विभागाध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने कई ग्रंथों की भी रचना की। जिसमें तीन महाकाव्य एवं 20 खंडकाव्य शामिल हैं। शताब्दी का सबसे बड़ा महाकाव्य ‘स्वातंत्र्य संभव’ उनमें से एक हैं जो 103 सर्ग में लिखा था। उन्होंने साहित्य शास्त्र के छह मौलिक ग्रंथों की भी रचना की थी।