मंगल ग्रह की आंतरिक सतह
की जानकारी प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किये गए इनसाइट रोबोट लैंडर, जो
नवंबर 2018 से मंगल
ग्रह की क्रस्ट, मेंटल और कोर का अच्छी तरह से अध्ययन कर रहा है, हाल ही में
इसी लैंडर ने वैज्ञानिक को हैरान करने
वाली कुछ चौंकाने वाली खोजों का खुलासा किया है.
नासा के इस रोबोटिक इनसाइट लैंडर ने अपनी खोज में कुछ अजीब चुंबकीय कंपान की खोज
की है इसके अलावा इसने कुछ ऐसे सबूत जुटाए है हटाए है जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि
मंगल ग्रह की सतह के नीचे तरल पानी का एक
वैश्विक भंडार हो सकता है.
इस खोज की जानकारी यूरोपीय प्लेनेट्री विज्ञान कांग्रेस और अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल
सोसायटी, नेशनल
ज्योग्राफिक की संयुक्त बैठक के दौरान दी गई.
मंगल ग्रह की जियोग्राफिक कंडीशन की अगर बात की जाए तो वैज्ञानिकों द्वारा ऐसा
माना गया है कि मंगल का वैश्विक चुंबकीय क्षेत्र लगभग 4 बिलियन साल पहले ही ख़त्म
हो गया था, जिसके बाद यह ग्रह ठंडे पानी के जलाशयों में
बदलने के बाद एक ठंडे रेगिस्तान के रूप में बदल दिया गया था,
इनसाइट के मैग्नेटोमीटर ने लैंडर के पास की चट्टानों से आने वाले मौजूदा चुंबकीय
संकेतों का कुछ माप लिया है, यह संकेत काफी स्थिर और मजबूत थे. मंगल गृह पर
इन संकेतों को रात्रि के समय मापा जा सकता है.
वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि इन चुंबकीय स्पंदनों को मंगल के कमजोर चुंबकीय कम्पन
द्वारा समझाया जा सकता है जो कि सौर
पवन के चुंबकीय क्षेत्र से संकुचित होकर संपर्क में आते है.
इनसाइट मैग्नेटोमीटर के परीक्षणों ने मंगल की सतह के नीचे एक चार किलोमीटर मोटी
विद्युत प्रवाहकीय परत की भी खोज की है, जो लगभग 100
किमी गहरी है, जो घुलनशील ठोस पदार्थों के साथ पानी का एक जलभृत हो
सकती है, जो
पृथ्वी के भूजल के समान है. मंगल पर भू बर्फ की मौजूदगी के पुख्ता सबूतों को देखते
हुए, इस बात
की भी संभावना है कि ग्रह की सतह के नीचे पानी के बड़े भूमिगत जलाशय हों.
इमेज क्रेडिट: नेशनल जियोग्राफिक
Nice information
Reader
21-09-2019 16:22:40