उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि आंशिक कोरोना कर्फ्यू के बावजूद पिछले एक महीने में मनरेगा के तहत छह गुना ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मिला है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने सूबे में आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू किया। हालांकि अन्य प्रदेशों में पूर्णत: लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बावजूद प्रदेश में 11 मई से छह जून तक मनरेगा में करीब छह गुना श्रमिकों को रोजगार मिला है। कोरोना काल में मनरेगा में हर रोज औसतन 50 से 60 हजार लोगों को रोजगार मिला है।
उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे प्रदेशों में लॉकडाउन शुरू होते ही आने वाले प्रवासियों की स्किल मैपिंग के निर्देश दिए थे। साथ ही उन्होंने मनरेगा में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मानव दिवस भी बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसी का परिणाम है कि आंशिक कर्फ्यू के बावजूद 10 मई से लेकर 6 जून तक लगातार श्रमिकों की संख्या बढ़ी है। 10 मई को 17,980 ग्राम पंचायतों में श्रमिकों की संख्या 2,49,428 थी, जो बढ़कर 5 जून को 53,099 ग्राम पंचायतों में 13,45,151 हो गई। इसके बाद 6 जून को 52,818 ग्राम पंचायतों में श्रमिकों की संख्या 14,08,615 हो गई है। इस दौरान 2 करोड़ से अधिक मानव दिवस सृजित हुए हैं, जिसके सापेक्ष 11 लाख 60 हजार श्रमिकों को 448 करोड़ रुपए भुगतान भी किया गया है।
अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मानव दिवस और सृजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जो गांव कोरोना मुक्त हैं, वहां मनरेगा के तहत गतिविधियां और बढ़ाई जाएंगीं।
मनरेगा में श्रमिकों को सबसे ज्यादा रोजगार खीरी में 60,435, कुशीनगर में 55,130, बहराइच में 53,674, महराजगंज 48,770, सीतापुर में 47,704, हरदोई में 36,046, सिद्धार्थनगर में 35,635, प्रयागराज में 34,206, बस्ती में 32,192 और रायबरेली में 31,599 श्रमिकों को रोजगार मिला है।