वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार पर कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए आज दावा किया कि सिर्फ इस राज्य में ही दो माह के दौरान कोरोना के कारण एक लाख से अधिक लोगों को मृत्यु हुई है।
कमलनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से चर्चा में कहा कि केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार दोनों ही कोरोना संबंधी आंकड़े छिपाने का प्रयास कर रहे हैं। जो भी आंकड़े पेश किए जा रहे हैं, वे वास्तविकता से काफी दूर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों से श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों के जरिए जो आंकड़े जुटाए हैं, उनके अनुसार मार्च और अप्रैल माह में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 01 लाख 27 हजार से अधिक शव श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों पर पहुंचे। यदि इनमें से 80 प्रतिशत की मृत्यु कोरोना के कारण होना मान ली जाए, तो 01 लाख 02 हजार से अधिक लोग इस वजह से मौत का शिकार बने।
कमलनाथ ने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। वे कोरोना संबंधी वास्तविक आंकड़े जारी करें और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें। उन्होंने कहा कि इसी तरह केंद्र सरकार ने भी इस वर्ष की शुरुआत में मान लिया कि कोरोना समाप्त हो गया है और दूसरी लहर के संबंध में मिली चेतावनी काे अनदेखा करते हुए अस्पतालों, ऑक्सीजन और स्वास्थ्य संबंधी ढांचे की ओर ध्यान नहीं दिया। इसी वजह से दूसरी लहर के कारण देश में तबाही मची।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के लापरवाह रवैये के कारण ही दूसरी लहर के बाद भी तबाही जारी है और अब लोग ब्लैक फंगस तथा अन्य बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। यदि केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार कोरोना को गंभीरता से लेती, तो इतनी भयावह तबाही नहीं होती।
कमलनाथ ने कहा कि भारत में कोरोना को लेकर जो हालात बने हैं, उसकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस देश को विश्व में 'कोरोना की राजधानी' कहा जाने लगा है और इसकी कीमत विदेशों में रह रहे भारतीय या भारत से विदेश जाने वालों को चुकानी पड़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय राष्ट्रीय मीडिया को अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहिए, लेकिन यह कार्य अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कर रहा है और वो देश में कोरोना संबंधी सच्चाई दिखा रहा है।