प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास कर कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारे की विभिन्न परियोजनाओं पर 18 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब तीन घंटे कम हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसमें एशिया का सबसे लम्बा उपरिगामी यानी एलिवेटेड गलियारा बनेगा। देहरादून पहुंचने के लिए संरक्षित वन क्षेत्र है और वहां हाथी तथा बाघों का संरक्षण होता है, इसलिए वन्य जीवों को इस एक्सप्रेस-वे के कारण कोई दिक्कत नहीं हो, इसलिए इस पर एलिवेटेड सड़क बनाई जा रही है जो एशिया की सबसे लम्बी होगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) दिल्ली-देहरादून के बीच इस 210 किलोमीटर लम्बे एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर रहा है। परियोजना के निर्माण को भारतमाला परियोजना के अंतर्गत दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून आर्थिक गलियारे के तहत 2020 में मंजूरी दी गई थी। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली के अक्षरधाम से उत्तराखंड के देहरादून को जोड़ेगी।
सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 26 फरवरी 2021 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। परियोजना को चार चरणों में 2024 तक पूरा किया जाना है और इसे ईपीसी यानी इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण मॉडल पर तैयार किया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे से रुड़की और हरिद्वार को भी जोड़ा जाएगा और इसके लिए 45 किलोमीटर लम्बे लिंक रोड का प्रस्ताव है।