प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान पर जीत के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में मनाए जा रहे स्वर्णिम विजय वर्ष के समापन पर गुरुवार सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने देश के विभिन्न हिस्सों में एक वर्ष तक घुमाए जाने के बाद युद्ध स्मारक लाई गई चार विजय मसालों को अखंड ज्योति में समाहित भी किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख तथा अनेक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
पाकिस्तान पर जीत के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह की शुरुआत पिछले वर्ष 16 दिसंबर को हुई थी। प्रधानमंत्री ने उस दिन राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से चार स्वर्ण विजय मशाल प्रज्वलित की थी बाद में इन मशालों को कन्याकुमारी, अंडमान निकोबार , जम्मू कश्मीर, सियाचिन, लोंगोवाला और अगरतला तथा शहीदों के गांव में घुमाते हुए वापस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक लाया गया जहां प्रधानमंत्री ने इन्हें यहां स्थित अखंड ज्योति में समाहित कर दिया।
मोदी ने युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और बाद में वहां रखे ई-रजिस्टर में अपना संदेश भी लिखा। रक्षा मंत्री ने इस मौके पर प्रधानमंत्री को एक स्मारिका भी भेंट की। वर्ष 1971 में पाकिस्तान को इसी दिन भारत के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था और उसके 93000 से भी अधिक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था। इसके साथ ही नए देश के रूप में बंगलादेश भी अस्तित्व में आया था। बंगलादेश में भी स्वर्णिम विजय दिवस के मौके पर विभिन्न समारोह का आयोजन किया गया है राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य समारोह में हिस्सा देने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर वहां गए हुए हैं।