जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले जाने से रोकने के लिए एक बार फिर नजरबंद करने का दावा किया गया है। इस क्षेत्र में हाल ही में अधिकारियों ने सैकड़ों परिवारों को कथित रूप से वन क्षेत्र में उनके घरों से निकाला था।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष मुफ्ती ने अपने फेयरव्यू गुपकार आवास के अंदर से एक वीडियो संदेश में कहा कि नज़रबंदी एक दिनचर्या बन गई है और हमें घाटी में लोगों से मिलने से रोका जा रहा है। मुफ्ती ने कहा, “जब कभी हम लोगों से मिलनेे के बाहर निकलते है वे हमें घर में नजरबंद कर देते हैं। उन्हें लोगों से क्यों नहीं मिलने दिये जाता है तो सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है।” पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि जैसा सरकार, भारतीय जनता पार्टी के नेता और मंत्रियों का कहना है कि जम्मू -कश्मीर में सब कुछ सामान्य है तो हमें क्यों नजरबंद किया जा रहा है। वह वीडियों में गेट खोलनेे के लिए उनके घर के बाहर तैनात सुरक्षा कर्मियों से अनुरोध करती हुई दिखाई दे रही हैं।
पिछले साल पांच अगस्त को जब राज्य से अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त किया गया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेश में विभाजित किया जाने के बाद महबूबा को हिरासत में लिया गया था और 14 महीने से अधिक समय बाद उन्हें रिहा किया गया। वह बस उन परिवारों से मिलना चाहती थी जिन्हें बडगाम के कंजान, ब्रानवर और जलसीदरा में उनके घरों से निकाला गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों द्वारा बेघर की गई 108 वर्षीय महिला सहित अन्य लोग मेरा इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह उन बेसहारा परिवार के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करना चाहती थी।