उत्तर प्रदेश के इटावा में बसपा के विधान परिषद सदस्य भीमराव अम्बेडकर के बेहद करीब वरिष्ठ नेता वीरेंद्र यादव को पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
निष्कासन की यह कार्रवाई बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर की गई है। इटावा इकाई के बसपा अध्यक्ष शीलू दोहरे ने यह जानकारी आज यहां दी ।वीरेंद्र यादव के निष्कासन पर हर किसी को इसलिए हैरत होती हुई दिखाई दे रही है क्योंकि वो अगले विधानसभा चुनाव में इटावा सदर सीट से बसपा के संभावित प्रमुख उम्मीदवारों में से एक माने जा रहे थे । बिना किसी पद के ही लंबे समय से बसपा मे व्यापक सक्रिय माने जाने वाले वीरेंद्र यादव बसपा के एमएलसी भीमराव अंबेडकर के बेहद करीबी माने जाते है लेकिन जिस ढंग से बसपा से उनको निष्कासित किया गया है वह कई तरह के सवाल भी खडा करता है ।
बसपा जिला अध्यक्ष शीलू दोहरे ने स्पष्ट किया है कि पंचायत चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण बसपा सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर उनका निष्कासन किया गया है।
इटावा में 19 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान हुआ । इस चुनाव में बीजेपी ने 24, कांग्रेस 24, एसपी 20, बीएसपी ने 22 प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा था । 22 उम्मीदवारो को उतराने के बाद केवल एक ही सीट पर बसपा को जीत मिली है । एक मात्र सीट जीतने के नतीजे को किसी भी सूरत में संतोषजनक नही कहा जा सकता है। इटावा जिला पंचायत सदस्य- 24 वार्ड है , इटावा में 471 ग्राम पंचायत है । इनमे समाजवादी पार्टी के खाते में 9 जबकि समाजवादी पार्टी से अलग होकर के खड़ी हुई प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के 8 ओर बसपा, भाजपा को केवल एक-एक के अलावा निर्दलीय को 5 सीटे हासिल हुई थी ।