वैश्वीकरण के इस दौर में सभी देश अपनी इकॉनमी को बढ़ाना चाहते हैं.
इकॉनमी बढ़ाने के लिए देश को अच्छी कंपनियों की आवश्यकता होती है.
मार्केट में कंपनियों के बीच में लगातार प्रतिस्पर्धा बनी रहती है इसलिए प्रबंधन में थोड़ी सी भी चूक किसी भी बड़े से बड़े देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती है.
व्यावसायिक क्षेत्र में आज अच्छे प्रबंधकों की जरुरत बहुत ज्यादा है इसलिए देश को आवश्यकता है ऐसे प्रबन्धन संस्थानों की जो कुशल प्रबंधक प्रदान कर सके.
इसी कड़ी में भारत का मैनेजमेंट संस्थान इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (IIM) एक सफल संस्थान के रूप में उभरकर सामने आया है, जिसने कई कुशल प्रबंधक तैयार किये हैं.
आईआईएम आज भारत का उच्चतम शिक्षा संस्थान है चलिए अब जानते है कि यह संस्थान किस तरह का माहौल अपने छात्रों को देता है.
आईआईएम ने मैनेजमेंट विषयों के अन्दर कई छात्रों को एक सफल पेशेवर मैनेजर बनाया है.
यह कहा जाता है कि अगर कोई विद्यार्थी आईआईएम (IIM) से अपनी पढ़ाई पूरी कर लेता है तो उसको कम से कम 1 लाख रूपये महीना तनख्वाह मिलने की गारंटी होती है तथा अनुभव के साथ तनख्वाह में और इजाफा हो सकता है.
आईआईएम (IIM) मे बड़ी संख्या में विदेशी विद्यार्थी भी पढ़ने के लिए आते है.
इस संस्थान में प्रवेश लेने के लिए छात्रों को मान्यताप्राप्त विश्वविध्यालय से अच्छे अंकों के साथ ग्रेजुएट करनी होती है और फिर कैट तथा जीमैट जैसे एंट्रेंस एग्जाम को पास करना होता है.
इस संस्थान में पढ़ाई के लिए बहुत मोटी रकम देनी होती है.
2 वर्षीय कोर्स की फीस लगभग 20 लाख रूपये होती है.
आईआईएम (IIM) कई तरह के कोर्स उपलब्ध करवाता है, जिनमे पीएचडी, मास्टर इन बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव जैसे मुख्य कोर्स शामिल है.
आईआईएम (IIM) का लक्ष्य भारतीय सामाजिक मूल्यों और नैतिकता को ध्यान में रखते हुए सफल पेशेवर प्रदान करने का है जो कारोबारी माहौल में एक कुशल प्रबंधन हल निकाल सके.
इसके साथ ही यह बाजार को पेशेवर लोग देकर प्रबंधन के सिद्धांत को आगे बढ़ाना है.
आईआईएम में अनुभवी शिक्षको द्वारा विद्यार्थियों को अच्छा प्रक्षिक्षण दिया जाता है.
विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के लिए उन्हें किताबी थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी करवाए जाते है.
छात्रों के साथ सामूहिक विषयों पर चर्चा करके उन समस्याओं का हल निकाला जाता है. जिससे वह बाज़ार के उतार चढाव और समस्याओं को अनुभवी शिक्षको द्वारा पहले ही सीख जाते हैं.
यह संस्थान आज छात्रों के अन्दर एक अच्छा बोद्धिक ज्ञान, व्यक्तिगत विकास करने में सक्षम हुआ है.
यहाँ का माहौल पूरी तरह से विद्यार्थियों के अनुकूल होने के कारण उनमे फ्रीडम, कमिटमेंट, एक्सेलेंट, सोशल अकाउंटेबिलिटी, क्रिएटिविटी जैसे व्यक्तिगत विकास हो पाते हैं.
आईआईएम (IIM) छात्रों को एक बहुत ही बड़ा कैंपस उपलब्ध करवाता है, जो 100 से 200 एकड़ तक फैला हो सकता है.
इसके अन्दर का आर्किटेक्चर बड़ा ही शानदार होता है जिनमे कई बिल्डिंग मौजूद रहती है.
यहाँ बड़े-बड़े क्लासरूम होते है, जिनमे छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रोजेक्टर का इस्तेमाल लगभग हर लेक्चर में होता है.
यहाँ छात्रों को पढ़ते वक्त अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी वातावरण का माहौल मिलता है, जिसमे मॉडर्न एजुकेशन तकनीक, कंप्यूटिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसे माध्यमो का इस्तेमाल होता है.
छात्रों की सुविधाओं के लिए यहाँ अलग से हॉस्टल भी मौजूद होते है, जो विद्यार्थियों को एक दुसरे से घुलने-मिलने का माहौल प्रदान करते है.
लड़कें और लड़कियों के हॉस्टल अलग-अलग होते है.
होस्टल के कमरे बिलकुल साफ़ सुथरे होते है जिनमे विद्यार्थियों के लिए अच्छे फर्नीचर होते है. कमरों का डिजाईन बड़ा शानदार होता है, जिनमे विद्यार्थियों को लग्जरी लाइफ का अनुभव होता है.
होस्टलों में माहौल को मंनोरंजक बनाने के लिए पूजा और त्योहारों को भी मनाया जाता है.
खेल कूद के लिए यहाँ क्रिकेट स्टेडियम, टेनिस, बास्केट, और स्क्वाश कोर्ट,जिम, स्विमिंग पूल
और खाने पीने की व्यवस्था लिए फ़ूड कोर्ट, कैफेटेरिया, मेस की व्यवस्था मौजूद है.
शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को मनोरंजन की भी आवश्यकता होती है, जिसके लिए छात्रों के लिए कैंपस में ही कई तरह की एक्टिविटी, इवेंट्स और सेमिनार प्रतियोगिता आदि आयोजित करवाए जाते है.
इन संस्थानों में छात्रों के लिए कई प्रकार के क्लब भी होते है, जो अपनी अलग-अलग गतिविधियों के कारण जाने जाते है. यह क्लब निम्नलिखित है.
एडवेंचर क्लब
इस क्लब के अन्दर छात्र पर्वतारोहण अभियान बाहरी यात्राएं, इन कैंपस इवेंट, रोडीज़ टूर, मैराथन जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते है और उनमे अपना योगदान देते है.
कोरियोग्राफी क्लब
इस क्लब में नृत्य और नाटक जैसे इवेंट्स होते है जिसमे फ्रेशर पार्टी, स्वतंत्रता दिवस, आन्तरिक प्रतियोगिता, नृत्य कलां, सिंगिंग जैसे इवेंट्स होते है.
कंसल्टिंग क्लब
कंसल्टिंग क्लब के अन्दर ऐसे आयोजन होते है जो छात्रों को कंसल्टेशन के क्षेत्र में जानकारी के मंच प्रदान करता है. इसका उदेश्य कॉर्पोरेट के साथ सहयोग करना होता है. इसमें छात्रों के साथ लाइव परियोजनाओं पर चर्चा की जाती है, साथ ही विभिन्न परामर्श द्वारा विद्यार्थी नया अनुभव प्राप्त करते है.
नाटकीय सेल
नाटकीय सेल छात्रों को परिसर में थिएटर, नुक्कड़ के क्षेत्र में अनुभव प्रदान करने का काम करता है, मंचन के शौकीनों के लिए यह क्लब रंगमंच के लिए तकनीकी पहलुओं पर अपनी कार्यशाला आयोजित करता है.
ई-सेल (एंटरप्रेन्योरशिप सेल)
ई-सेल (एंटरप्रेन्योरशिप सेल) का उद्देश्य छात्रों के लिए नए उद्यमियों को संस्थान में मंच प्रदान करके छात्रों की उद्यमशीलता को बढ़ावा देना का होता है. जिसके द्वारा छात्र अपने व्यवसाय मॉडल के सिधान्तों में सुधार कर सकते हैं, और सफल उद्यमियों द्वारा सलाह प्राप्त कर सकते हैं, निवेशकों के साथ बातचीत कर सकते हैं और अपने उद्यमिता कौशल को तैयार कर सकते हैं
इस तरह यह मैनेजमेंट संस्थान छात्रों को पूरी स्वतंत्रता का मोहौल दे पाता है, जिसके कारण छात्र का पूर्ण विकास हो पाता है.
आईआईएम (IIM) का इतिहास स्वतंत्रता से जुड़ा है, जब भारत को 1947 में नयें स्वतन्त्र राष्ट्र को आगे बढ़ाने के आवश्यकता थी.
भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने की चुनौती थी सामने खड़ी थी, जिसको पाने के लिए कुछ अहम कदम उठाने की आवश्यकता थी ताकि भारत में विकास हो सके.
भारत में प्लानिंग कमीशन ने इस पर योजना बनानी शुरू की जिसके बाद 13 नवम्बर 1961 में भारत का पहला आईआईएम (IIM) संस्थान कोलकाता में स्थापित हुआ.
इस संस्थान की स्थापना करने के लिए एमआईटी सोलन स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट कैंब्रिज यूएस, बंगाल की सरकार और फोर्ड नाम के संस्थान ने मेहेत्व्पूर्ण योगदान दिया.
इसके कुछ समय बाद इसी साल अहमदाबाद में भी दूसरा प्रबंधन संस्थान खोला गया.
जिसके बाद धीरे-धीरे कई मैनेजमेंट संस्थान भारत में खुलते गये और अपनी सफलताओं के कारण आज भारत में इन संस्थानों की संख्या आज 20 हो गयी है. इस तरह भारत को एक अच्छे प्रबंधन का कौशल देने वाले इन संस्थानों की भारत के विकास में अपनी एक अहम भूमिका है.