अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के समय विदेश विभाग ने सऊदी अरब के उन लोगों के प्रशिक्षण की अनुमति दी थी जो बाद में वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या में शामिल पाये गये थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने मामले से संबंधित दस्तावेजों और लोगों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि ओबामा प्रशासन के अंतर्गत विदेश विभाग ने पहली बार 2014 में सऊदी रॉयल गार्ड को अर्धसैनिक प्रशिक्षण प्रदान करने का लाइसेंस दिया गया था। यह प्रशिक्षण सेरर्बस कैपिटल मैनेजमेंट के स्वामित्व वाली अर्कांसस स्थित सुरक्षा संबंधी कंपनी टियर 1 ग्रुप की तरफ से देने की अनुमति दी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार यह प्रशिक्षण पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के कम से कम पहले वर्ष तक जारी रहा था। खाशोगी की हत्या में शामिल सऊदी के चार लोगों को 2017 में प्रशिक्षण दिया गया था। इनमें से दो लोगों ने अक्टूबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच भी प्रशिक्षण में भाग लिया था। अर्धसैनिक प्रशिक्षण में सुरक्षित निशानेबाजी, हमले का मुकाबला, निगरानी और करीबी मुकाबला शामिल था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट में बताया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे पता चले कि इस प्रशिक्षण को मंजूरी देने वाले अमेरिकी अधिकारियों या टियर 1 ग्रुप के अधिकारियों को यह पता था कि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे ये लोग सऊदी अरब में असंतुष्ट लोगों के खिलाफ गतिविधियों में शामिल थे।
फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें यह दावा किया गया कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अक्टूबर 2018 में तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में खाशोगी की हत्या के लिए एक ऑपरेशन को मंजूरी दी थी। मामले में सऊदी अरब के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिये ट्रंप प्रशासन की कड़ी आलोचना भी हुई थी।