केरल की दिग्गज राजनेताओं में शुमार एवं पूर्व मंत्री के आर गौरी अम्मा का उम्र जनित बीमारी से मंगलवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
वामपंथी नेता रही गौरी अम्मा को बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत पर दो सप्ताह पहले यहां पीआरएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था , जहां उन्होंने आज अंतिम सांसे ली।
केरल में अलप्पुझा जिले के पट्टनाकड़ में 1919 में जन्मी गौरी अम्मा राज्य में वामपंथी आंदोलन के संस्थापक नेताओं में से एक थी। कानून में स्नातक करने के बाद वह 1946 में कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गयी और उन्होंने ट्रेड यूनियन और किसान आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया। राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने के कारण कई मौकों पर उन्हें जेल भी जाना पड़ा ।
गौरी अम्मा ने 11 बार विधानसभा चुनाव लड़ा और आठ बार जीत हासिल की। वह 1957, 1967 , 1980 और 1987 में वामपंथी नीत सरकार में मंत्री रही। वर्ष 1994 में उन्हें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया , जिसके बाद उन्होंने एक अलग पार्टी जनाधिपत्य संरक्षण समिति (जेएसएस) का गठन किया।