केजरीवाल ने की स्वच्छ यमुना परियोजना की समीक्षा

01-04-2021 18:40:45
By : Sanjeev Singh


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना नदी की सफाई से संबंधित प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए परियोजना की धीमी प्रगति और देरी पर असंतोष व्यक्त किया तथा अगले सप्ताह फिर से समीक्षा बैठक बुलाने के आदेश दिए।

केजरीवाल ने निर्धारित समय सीमा से पहले सभी परियोजनाओं का कार्य पूरा करने के गुरुवार को निर्देश दिए। यमुना नदी में गिरने वाले चार प्रमुख नालों के संबंध में उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि इनसे कोई भी अनुपयोगी अपशिष्ट पदार्थ नदी में न जाने पाए। इस दौरान दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने चार प्रमुख ड्रेन यानी नजफगढ़, सप्लीमेंट्री, शाहदरा और बारापुल्ला की सफाई के लिए एक विस्तृत योजना प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री ने प्रत्येक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) परियोजना का कार्य पूरा करने में निर्धारित समय सीमा से अधिक समय लगने पर चिंता और दुख व्यक्त किया। उन्होंने डीजेबी के अधिकारियों को अगले सप्ताह तक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के सख्त निर्देश दिए, जिसमें संशोधित समय सीमा के अनुसार हर प्रोजेक्ट की जांच की जाए।

उन्होंने अधिकारियों को यमुना सफाई परियोजना में तेजी लाने का निर्देश देते हुए कहा कि स्वच्छ यमुना परियोजना दिल्ली सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि परियोजना के किसी भी चरण में कोई कोताही न बरती जाए, जिससे कि परियोजना को पूरा करने में देर हो। हमें यमुना की सफाई प्रक्रिया में तेजी लाने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर उप-परियोजना को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा किया जाना चाहिए। इस दौरान दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने सीएम अरविंद केजरीवाल को अवगत कराया कि निर्धारित समय सीमा से पहले काम में तेजी लाने के लिए कम लागत वाले विभिन्न तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है।

दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि निर्धारित समय सीमा से पहले कार्य में तेजी लाने के लिए कम लागत वाले विभिन्न तकनीकी प्रयोग किए जा रहे हैं, जिनमें अपशिष्ट जल के सीटू उपचार, पूर्ण नालों का दोहन (नजफगढ़/सप्लीमेंट्री/शाहदरा) और एसटीपी को उपचार के लिए संवहन, उन्नत फिल्टर लगाने, कीचड़ की मात्रा में कमी के लिए झुकाव, मौजूदा एसटीपी के प्रवाह मापदंडों में गुणवत्ता में सुधार और वातन प्रणाली के माध्यम से एसटीपी की क्षमता बढ़ाना शामिल है।



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