उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सेकुलरिज्म के नाम पर भारत की सनातन आस्था को मुद्दा बनाने वाले सत्ताधारी दलों के सापेक्ष पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने सनातन आस्था को मजबूती के साथ प्रस्तुत किया।
योगी ने रविवार को कहा “ हर राम भक्त एक प्रखर राष्ट्रभक्त और राम भक्त के भौतिक अवसान पर शोकाकुल है। कल्याण सिंह आज हमारे बीच में नहीं है। उनका पार्थिव शरीर उनकी कर्मभूमि एवं जन्मभूमि रही अलीगढ़ में आया है। उनके समर्थकों अनुयायियों का अपने दिवंगत नेता के प्रति छह दशकों से जो लगाव है उसका एक दर्शन यहां पर हम सभी को देखने को मिल रहा है। जिले में कल्याण सिंह का लगभग 9 दशक का संबंध रहा है । सार्वजनिक जीवन में उन्होंने अलीगढ़ में लगभग सात दशक व्यतीत किये। ”
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति को जो कभी जाति के नाम पर, क्षेत्र, मत और मजहब के नाम पर माफिया और अपराधियों द्वारा जकड़ ली गई थी। यूपी की राजनीति आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई थी। कभी सेकुलरिज्म के नाम पर, भारत की सनातन आस्था के नाम पर, सत्ताधारी दलों ने अपना एकमात्र एजेंडा बना लिया था। कल्याण सिंह को जब अवसर मिला तो शासन की धमक और इकबाल का परिचय देते हुए उन्होंने सनातन आस्था को मजबूती के साथ प्रस्तुत किया। उनको यह कहने में जरा भी हिचक नहीं हुई कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम के लिए वह सत्ता को एक बार नहीं बार-बार ठोकर मार सकते हैं।
6 दिसम्बर को विवादित ढाँचा गिरने के बाद वर्ष 2016- 2017 के कार्यकाल के दौरान समाज के प्रति एक तबके के लिए जो योजना लागू कीं उन्हें आज भी याद किया जाता है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होंने कार्यक्रम बनाएं, योजनाएं बनाईं और भयमुक्त दंगा मुक्त परिकल्पना को साकार किया। उनके द्वारा किए गए कार्य शासन प्रशासन के लिए सदैव अविस्मरणीय रहेंगे। वर्तमान समय में भी उनके द्वारा किए गए कार्यों और प्रयासों से हम सभी को सीख प्राप्त हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलीगढ़ का सौभाग्य है, आज अलीगढ़ की जनता अपने को गौरवान्वित महसूस कर रही है कि उनके बीच में भारत माता का सपूत जिसने पूरी पारदर्शिता, शुचिता एवं पवित्रता के साथ प्रदेश को आगे बढ़ाया।