कोरोना वायरस को लेकर बरती जा रही ऐहतियात के तहत जौनपुर जिला न्यायालय में अब थर्मल स्कैनिंग के बाद प्रवेश दिया जायेगा।
अधिवक्ताओं का आरोप था कि कोरोना को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश का पूर्णतया पालन नहीं किया गया। 23 मार्च तक केवल अर्जेंट मामलों की पेशी एवं जमानत पर सुनवाई के आदेश का पालन तो किया गया , लेकिन कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए निरोधात्मक एवं उपचारात्मक उपाय सुनिश्चित करने एवं परिसर की स्वच्छता के संबंध में दिए गए निर्देश का अनुपालन मंगलवार को कोर्ट परिसर में नहीं हुआ। इतने गंभीर संकट में भी स्वच्छता व सैनिटाइजेशन की कार्रवाई न कर घोर उदासीनता एवं लापरवाही बरती जा रही है जो जानलेवा साबित हो सकती है।
मंगलवार को दोपहर तीन बजे के बाद सिविल कोर्ट के नई बिल्डिंग में साफ सफाई होते देखी गयी। जिला जज एम पी सिंह द्वारा यह आदेश चस्पा किया गया कि कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग के जरिए चेकिंग होगी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए उच्च न्यायालय ने वकीलों से अपेक्षा की थी कि वादकारियों को कोर्ट परिसर में न बुलाएं। वकीलों एवं वादकारियों के कोर्ट में न आने पर न्यायिक अधिकारी कोई प्रतिकूल आदेश नहीं पारित करेंगे।परिसर की रोजाना स्वच्छता एवं निरोधात्मक व उपचारात्मक उपाय किए जाएं।अर्जेंट मामलों की सुनवाई हो जिस पर जिला जज द्वारा 16 मार्च को 5 सदस्यीय समिति भी गठित की गई।
समिति को निर्देश दिया गया कि न्यायालय परिसर एवं प्रयोग किए जा रहे सभी भवनों की समग्र सफाई सुनिश्चित करें । सभी प्रयासों का समिति द्वारा दैनिक समीक्षा की जाएगी । केवल अति आवश्यक दांडिक एवं सिविल मुकदमों की सुनवाई होगी , शेष मामलों की तिथि नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दी जाएगी ।