राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि विश्व मंच पर भारत का नाम रोशन करने की जिम्मेदारी देश के सभी लोगों की है।
कोविंद ने यहां तिरुवल्लूवर विश्वविद्यालय के 16वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि यह बहुत ही संतोषजनक है कि भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली का विस्तार ग्रामीण और वंचित वर्गों के लोगों तक हो चुका है।
उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी शिक्षा प्रणाली बन गयी है। राष्ट्रपति ने कहा,“ भारत में ब्रिटिश शासन से पहले शिक्षा की समृद्ध प्रणाली मौजूद थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी इसका वर्णन ‘सुंदर वृद्ध’ के रूप में किया था जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान काट दिया गया था। ”
उन्होंने कहा, “ हमारा अभी तक उन कठोर परिवर्तनों से पूरी तरह उबरना बाकी है। इस दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एक सुनियोजित और निर्णायक कदम है।”