भारतीय रेलवे ने निजीकरण की तरफ बढ़ाया एक और कदम

04-07-2020 14:20:41
By :
Notice: Trying to get property 'fName' of non-object in /home/newobserverdawn/public_html/module/Application/view/application/index/news.phtml on line 23

Notice: Trying to get property 'lName' of non-object in /home/newobserverdawn/public_html/module/Application/view/application/index/news.phtml on line 23


भारतीय रेलवे ने निजीकरण की तरफ बढ़ाया एक और कदम


सौ से अधिक रूट्स पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी 151 निजी यात्री ट्रेन

चुनींदा रूट पर पहले से ही निजी कंपनियों के जरिए 'तेजस' रेलगाड़ियों के सफल संचालन कर रहे भारतीय रेलवे ने निजीकरण की तरफ अब एक और कदम बढ़ा दिया है। रेलवे ने निवेश के लिए निजी क्षेत्र से प्रस्ताव मंगाने का फैसला किया है। यात्री ट्रेन परिचालन में निजी कंपनियों को प्रवेश देने की आधिकारिक घोषणा के तहत इस कार्य के लिए रेलवे ने निजी क्षेत्र से 30,000 करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत जताई है। हालिया फैसले के बाद कहा जा रहा है कि देश में अगले साल से 109 रेलरूट्स पर 151 निजी आधुनिक रेलगाड़ियां पटरियों पर फर्राटा भरने लगेंगी। तेजस ट्रेन के सफल संचालन के बाद से ही रेल मंत्रालय ने करीब 150 ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में सौंपने कवायद शुरू कर दी थी। तेजस की तरह ही अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह ट्रेनें भी तेज रफ्तार से दौड़ेंगी।

दिल्ली, मुम्बई, बंगलूरू, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर, पटना समेत 109 रूट पर चलेंगी निजी ट्रेन

जी हां निजीकरण की दिशा में रेलवे ने बड़ा कदम उठाते हुए निजी रेलगाड़ियों का परिचालन चालू कराने की कवायद जोरशोर से शुरू कर दी है। इस क्रम में भारतीय रेलवे ने बीती एक जुलाई बहुत बड़ा फैसला लेते हुए निजी यात्री रेल सेवा का परिचालन शुरू करने को प्राइवेट सेक्टर के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। इस योजना के अंतर्गत प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां देश में 109 युगल रेलमार्गों पर अपनी ट्रेनों का परिचालन कर सकेंगी। रेल मंत्रालय ने इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (आरएफक्यू) यानी पात्रता आवेदन मांगे हैं। रेलवे ने देश भर में निजी ट्रेनों के परिचालन को 12 कलस्टर के चिह्नित किए गए 109 रूट के लिए रूटवार प्राइवेट सेक्टर से आवेदन मांगे हैं। रेलवे के रूट शेड्यूल चार्ट के मुताबिक गोरखपुर जंक्शन से बंगलूरू, पटना कलस्टर और गोरखपुर से मुंबई रूट के लिए प्रयागराज कलस्टर से ट्रेन चलाने के लिए निजी कंपनियों से योग्यता मापदंड संग प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, फैजाबाद से भी निजी ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके अलावा कई ट्रेनें ऐसी चलाई जाएंगी जो एनईआर होकर जाएंगी, इसके लिएभी रूट निर्धारित कर लिए गए हैं।

अगले साल अप्रैल से फर्राटा भर सकती हैं निजी यात्री ट्रेन

उम्मीद जताई जा रही है कि यदि सब कुछ नियत समयानुसार और योजनाबद्ध तरीके से हुआ तो पटरियों पर निजी रेलगाड़ियों के फर्राटा भरने की यह

योजना अप्रैल 2023 तक शुरू हो सकती है। मीडिया रिपार्ट्स के मुताबिक 109 रूट्स पर निजी यात्री ट्रेनें चलेंगी। देश में रेलवे नेटवर्क को 12 क्लस्टर में बांटा गया है और इन्हीं 12 क्लस्टर में 109 युगल रेलमार्गों पर 151 आधुनिक निजी ट्रेनें चलेंगी। इन सभी ट्रेनों में कम से कम 16 कोच होंगे। यह ट्रेनें अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। भारतीय रेलवे का यह प्रोजेक्ट फिलहाल 35 साल के लिए होगा।

निजी क्षेत्र को करना होगा 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश

यात्री रेलगाड़ियों के संचालन में निजी कंपनियों की भागीदारी की परियोजना में निजी क्षेत्र की ओर से करीब 30,000 करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी। रेलवे इसके जरिए अत्याधुनिक तकनीक को अपनाने की योजना बना रही है। इससे न केवल रेलवे का रखरखाव खर्च का बोझ कम होगा, बल्कि पारगमन समय (ट्रांजिट टाइम) में भी कमी आएगी। नई तकनीक से लैस अत्याधुनिक ट्रेनों के संचालन से यात्रियों को जहां विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव होगा, वहीं सुरक्षा संबंधी भरोसा भी मजबूत होगा। साथ ही रोजगार के भी व्यापक अवसर उत्पन्न होंगे।

'मेक इन इंडिया' के तहत भारत में ही बनाई जाएंगी सभी ट्रेन

रेलवे के मुताबिक निजी परिचालन प्रोजेक्ट के तहत रेलगाड़ी के सभी डिब्बों की खरीद 'मेक इन इंडिया' नीति के तहत की जाएगी यानी सभी ट्रेन मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनाई जाएंगी। जिससे कि रोजगार के व्यापक अवसरों का भी सृजन हो सके। परिचालन के लिए नियमानुयार चयनित कंपनियों को ट्रेनों की खरीद, फाइनेंस, संचालन और रख-रखाव की जिम्मेदारी संभालनी होगी। ट्रेनों की खरीद निजी कंपनियां करेंगी। उनके रखरखाव का जिम्मा भी उन्हीं का होगा। प्राइवेट कंपनी को एनर्जी और हौलेज चार्ज खपत के हिसाब से देना होगा। इन ट्रेनों का रोलिंग स्टॉक निजी कंपनी खरीदेगी, मेंटिनेंस उसी का होगा। कंपनियों को रेलवे की बुनियादी सुविधाओं, बिजली, स्टेशन और रेलमार्ग इत्यादि के उपयोग का शुल्क भी देना होगा। इसके लिए नियत फार्मूले के तहत ही कुल राजस्व (ग्रॉस रेवेन्यू) का बंटवारा होगा। इतना ही नहीं कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बोलियां लगाकर भारतीय रेलवे के साथ राजस्व भी साझा करना होगा। हरेक रेलगाड़ी के इंजन में एक बिजली मीटर भी लगा होगा और निजी कंपनियों को उनके द्वारा उपभोग की गई बिजली का वास्तविक भुगतान करना होगा। रेलवे सिर्फ ड्राइवर और गार्ड देगा, जबकि बाकी स्टॉफ संबंधित कंपनियां खुद रखेंगी। ट्रैक मेंटेनेंस करने का जिम्मा रेलवे का होगा।

निजी ट्रेनों का किराया हवाई किराए के अनरूप प्रतिस्पर्धी होगा

प्राइवेट रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू करने के बावत मीडिया को जानकारी देते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी.के. यादव ने बताया कि निजी रेल परिचालन प्रोजेक्ट के तहत चयनित रेलमार्गों पर संचालित ट्रेनों का यात्रा किराया इन मार्गों के हवाई यात्रा किराए के अनुरूप प्रतिस्पर्धी होगा। श्री यादव ने मीडिया संग एक आनलाइन सम्मेलन में दावा किया कि निजी क्षेत्र की रेलगाड़ियों के यात्रा किराये की प्रतिस्पर्धा उन्हीं मार्गों पर चलने वाली बस सेवा और हवाई सेवा से होगी। उन्होंने कहा कि यात्री रेलगाड़ी परिचालन मे निजी कंपनियों को लाने का एक मकसद यह भी है कि इन्हें मांग के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा जिससे रेलगाड़ियों में 'प्रतीक्षा सूची' में कमी होगी। उन्होंने कहा कि इससे यात्रियों को कम लागत पर बेहतर रेलगाड़ियां और प्रौद्योगिकी मिल सकेगी।

प्रौद्योगिकी में बदलाव से घटेगी रखरखाव लागत

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने दावा किया कि प्रौद्योगिकी में बदलाव से ट्रेनों के रखरखाव लागत बेहद घट जाएगी। उन्होंने बताया कि रेलगाड़ी के जिन कोचों को अभी हर 4,000 किलोमीटर यात्रा के बाद रखरखाव की जरूरत होती है, प्रौद्योगिकी के बेहतर होने से तब यह सीमा करीब 40,000 किलोमीटर हो जाएगी। इससे उनका महीने में एक या दो बार ही रखरखाव करना होगा। यात्री ट्रेन परिचालन में निजी कंपनियों के उतरने से मिले निवेश के जरिए रेलडिब्बों की प्रौद्योगिकी में नया बदलाव किया जाएगा, इसके बाद रेलगाड़ियों को तेज रफ्तार से चलाया जा सकेगा।  

यात्री रेलगाड़ी परिचालन में पांच प्रतिशत ही होगा निजी क्षेत्र के जिम्मे

भारतीय रेलवे नेटवर्क को निजी हाथों में सौंपने संबंधी आशंका को लेकर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि प्राइवेट सेक्टर द्वारा किया जाने वाला यात्री रेलगाड़ी परिचालन भारतीय रेलवे के कुल यात्री रेलगाड़ी परिचालन का महज पांच प्रतिशत ही होगा। बाकी 95 प्रतिशत रेलगाड़ियों का परिचालन भारतीय रेलवे अपने अधीन जारी रखेगा। वर्तमान में भारतीय रेलवे करीब 2,800 मेल - एक्सप्रेस रेलगाड़ियों का परिचालन करता है।

प्रदर्शन मानक को पूरा करने में असफल रहने पर लगेगा जुर्माना

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के अनुसार निजी कंपनियों को समयसारिणी के अनुसार रेलगाड़ियों के परिचालन में 95 प्रतिशत समयबद्धता का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा। इस क्रम में उन्हें प्रति एक लाख किलोमीटर की यात्रा में एक बार से अधिक बार असफल नहीं होने के रिकार्ड संग चलना होगा। यदि निजीकंपनियां यात्री रेलगाड़ी परिचालन से जुड़े किसी भी प्रदर्शन मानक को पूरा करने में नाकाम रहती हैं तो उन पर नियमानुसार जुर्माना लगाया जाएगा।

भारतीय रेलवे की पहली निजी ट्रेन है 'तेजस एक्‍सप्रेस'

'तेजस एक्‍सप्रेस' देश की पहली निजी ट्रेन है। भारतीय रेलवे की पहली निगमीकृत ट्रेन तेजस बीते साल चार अक्टूबर को लखनऊ से लॉन्च की गई, यह

रेलगाड़ी लखनऊ-दिल्ली समेत कई मार्ग पर चलाई जा रही है। इसका परिचालन ऑनलाइन टिकट, भोजन और पर्यटन संबंधी सुविधाएं देने वाली रेलवे की सहायक कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) करती है। 'तेजस एक्‍सप्रेस' से यात्रा करने वाले यात्रियों को 25 लाख रुपए तक का मुफ्त यात्री बीमा, यात्रा के दौरान लूटपाट या सामान चोरी होने पर एक लाख रुपए तक के मुआवजे और विलंब पहुंच पर क्षतिपूर्ति जैसी सुविधाएं दिए जाने का प्रावधान है।


Comments

Note : Your comments will be first reviewed by our moderators and then will be available to public.

Get it on Google Play