भारत 2026 में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा। खेल के वैश्विक शासकीय निकाय विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की है।
बीडब्ल्यूएफ ने पिछले साल कोरोना महामारी के कारण बंद हुई अपनी खेल गतिविधियों को फिर से शुरू करने का फैसला लिया है। इस कड़ी में बीडब्ल्यूएफ ने अपने अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट कैलेंडर को फिर से तैयार करने का मन बनाया है। भारत को 2023 में सुदीरमन कप की मेजबानी करनी थी, लेकिन बीडब्ल्यूएफ ने चीन के सूजौ को इस विश्व मिश्रित टीम चैंपियनशिप की मेजबानी के अधिकार देने का फैसला किया है। वहीं चीन में कोरोना की स्थिति के कारण बीडब्ल्यूएफ को इस साल होने वाले 2021 सुदीरमन कप को चीन के सूजौ से फिनलैंड के वंता शहर में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
बीडब्ल्यूएफ ने एक बयान में कहा, “ सूजौ अब बीडब्ल्यूएफ विश्व मिश्रित टीम चैंपियनशिप के 2023 संस्करण की मेजबानी करेगा, जबकि 2023 संस्करण का मूल मेजबान भारत 2026 में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा। ”
यह दूसरी बार होगा जब भारत विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा, जो ओलंपिक वर्ष को छोड़कर हर साल आयोजित की जाती है। इससे पहले भारत ने 2009 में हैदराबाद में प्रीमियम टूर्नामेंट की मेजबानी की थी।
भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के अध्यक्ष हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “ विश्व चैंपियनशिप के कद के टूर्नामेंट का आयोजन हमारे साथ-साथ देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हम बैडमिंटन के सबसे प्रतिष्ठित और प्रमुख टूर्नामेंट के लिए भारत पर विचार करने के लिए बीडब्ल्यूएफ के आभारी हैं और मेरा मानना है कि इसमें भाग लेने वाले विश्व स्तर के शटलर न केवल खेल के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक महान अवसर और प्रेरणा होंगे, बल्कि इससे देश में बैडमिंटन को और बढ़ावा मिलेगा। ”
उल्लेखनीय है कि भारत ने अब तक 10 विश्व चैंपियनशिप पदक जीते हैं, जिसमें मौजूदा चैंपियन पीवी सिंधू एक स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक के साथ शीर्ष पर हैं, जबकि प्रकाश पादुकोण ने 1983 में विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला पदक जीता था।