पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री
इमरान खान ने यह माना है कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी गातिविधियों
के लिए हो रहा है. इसी के साथ इमरान खान ने पाकिस्तान के इस परिस्तिथि में पहुँचने
पर अमेरिका को दोषी ठहराया है.
इमरान खान ने अमेरिका पर सीधे सीधे दोष लगाते हुए कहा है कि अमेरिका ने पाकिस्तान
का इस्तेमाल गलत तरीके से किया है. इमरान खान ने बताया कि अमेरिका ने 80 के दशक
में जब सोवियत संघ से प्रतिस्पर्धा कर रहा था और सोवियत संघ ने अफगानिस्तान की
जमीन को नियंत्रण में ले लिया तो अमेरिका ने इस इलाके में अपनी स्थिति को मजबूत
करने के लिए पाकिस्तान के लोगों को जिहाद के लिए तैयार किया. इमरान खान ने माना कि
अमेरिका के समर्थन से पाकिस्तान के द्वारा आतंकियों को ट्रेनिंग दे गई थी. बकायदा
इस संगठन को तैयार करने के लिए अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए के द्वारा फंडिंग
की जाती थी.
जब यह आतंकवादी संगठन मजबूत हो गया तो सोवियत संघ ने अफगानिस्तान से पीछे हट गया
क्योंकि सोवियत संघ का विघटन होने के बाद उसका बहुत सारा पैसा और सैनिक श्रम लग
रहा था.
धीरे धीरे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जिहादी संगठन मजबूत होने लगे जिसके बाद
अमेरिका को उनसे खतरा महसूस होने लगा.
अमेरिका ने बड़ी ही चालाकी से अपने हित के लिए इस्तेमाल किये गए जिहादियों को आतंकी
कहना शुरू कर दिया. जिसका खामियाजा अमेरिका को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में हुई आतंकवादी
घटना से भुगतना पड़ा.
पाकिस्तान के प्रधानमत्री इमरान खान ने कहा है कि हमे पहले ही अमेरिका के इस कदम
को भाप लेना चाहिए था और पूरी तराह से स्वतंत्र फैसले लेने चाहिए थे लेकिन हमारी पिछली
सरकार की नाकामियों की वजह से पाकिस्तान आज मुश्किल हालत में है.
इमरान खान का यह भी कहना है कि पाकिस्तान ने अपना बहुत सारा पैसा और जाने इस
वर्षों से चले आ रहे संघर्ष में खो दी है. पाकिस्तान के लिए अमेरिका की नीतियों
में शामिल होना हमारे लिए नुकसानदेह था जिसके बाद अमेरिका ने पकिस्तान को उसकी
नाकामी का सेहरा पहना दिया.