अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में कांग्रेस बिल्डिंग कैपिटल हिल पर छह जनवरी को हुई हिंसा को उकसाने के आरोप में अमेरिका सीनेट में मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का मुकदमा शुरू हो गया।
ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही एक उपदेश और निष्ठा की शपथ के साथ शुरू हुई जिसके बाद सीनेटरों ने आगे की प्रक्रियाओं के एक प्रस्ताव पर मतदान शुरू किया। सभी सीनेट इस कार्यवाही के दौरान चार घंटे तक मुकदमे की संवैधानिकता के लिए बहस करेंगे। इस कार्यवाही के कुछ दिनों बाद सीनेट महाभियोग की अदालत के रूप में कार्य करेगी और यह तय करेगी कि पूर्व राष्ट्रपति "विद्रोह भड़काने" के दोषी है या नहीं।
डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसद ट्रंप को वर्ष 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में भाग लेने से रोकने के लिए महाभियोग को पारित करना चाहता है जिससे ट्रंप भविष्य में कभी भी सरकार की बाग-डोर नहीं संभाले सकेंगे। पूर्व राष्ट्रपति के वकीलों ने हालांकि सीनेटरों से महाभियोग को असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से गलत आरोप बताते हुए खारिज करने का आग्रह किया है। वकीलों का कहना है कि ट्रंप का छह जनवरी को कैपिटल हिल में हुई हिंसा से कोई लेना देना नहीं था।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में दूसरे ऐतिहासिक महाभियोग के प्रस्ताव के पारित होने के साथ ही ट्रंप अमेरिका के लोकतंत्र के इतिहास में एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग का सामने करने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बन गए थे। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में 232 के मुक़ाबले 197 वोटों से महाभियोग का प्रस्ताव पास हो गया था जिसमें रिपब्लकिन पार्टी के दस सांसदों ने भी महाभियोग के समर्थन में मतदान किया था।
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सीनेट में भी यदि महाभियोग पारित हो जाता है तो वह कभी भी व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के तौर पर पदभार नहीं संभाल सकेंगे और वर्ष 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में भी भाग नहीं ले सकेंगे।
गौरतलब है कि ट्रंप के समर्थकों ने छह जनवरी को वाशिंगटन में कांग्रेस बिल्डिंग कैपिटल हिल पर हमला कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। यह हिंसक घटना उनके द्वारा व्हाइट हाउस के पास हजारों समर्थकों को संबोधित किये जाने के बाद हुई थ। प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में दो महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत हो गयी थी जबकि पुलिस ने इस सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है।