बंदी से पनपी मंदी में भी तेजी पकड़े हुए है आईटी सेक्टर
टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा जैसी प्रमुख कंपनियों के तिमाही, अर्धवार्षिक, वार्षिक परिणाम करते हैं इसकी पुष्टि
विश्वव्यापी कोरोना महामारी संक्रमण के कारण करीब सालभर से विभिन्न सामाजिक, आर्थिक कामकाज और गतिविधियां कमोबेश ठप्प चल रही हैं। नतीजतन देश के अधिकांश कारोबारी क्षेत्रों में मंदी का दौर बरकरार है। हां सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र यानी इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलोजी (आईटी) और फार्मा सेक्टर समेत कुछेक सेक्टरों को जरूर अपवाद कहा जा सकता है। बंदी से पनपी मंदी के इस दौर में आईटी क्षेत्र के रफ्तार पकड़ने के कई बड़े कारण माने जा रहे हैं।
कोरोना महामारी के चलते पढ़ाई से लेकर कारोबार तक घर से कार्य (वर्क फ्रॉम होम) का चलन अब आम हो चला है। वर्क फ्रॉम होम का पूरा कंसेप्ट ही इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलोजी पर आधारित है। ऐसे में बंदी (लॉकडाउन) के कारण पनपी मंदी से प्रभावित होने के बजाए आईटी सेक्टर का कारोबारी दायरा तेजी से बढ़ रहा है। देश की शीर्ष आईटी कंपनियों का कारोबारी ग्राफ भी इस तथ्य को बखूबी साबित करता दिख रहा है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इंफोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा, कॉग्निजेंट, एसेंचर, एचसीएल, एलएंडटी इंफोटेक, जेनपैक्ट, पाटनी कंप्यूटर्स, फर्स्ट सोर्स सोल्यूशन जैसी कंपनियां आज आईटी क्रांति के चक्र पर सवार होकर गतिमान हैं। इनमें से कई प्रमुख कंपनियों के तिमाही, अर्धवार्षिक, वार्षिक परिणाम इस बात की पुष्टि करते हैं कि कोरोना संक्रमण के प्रकोप से फैली महामारी के कारण हुई देशव्यापी बंदी के चलते पनपी मंदी के दौर में भी आईटी क्षेत्र की प्रगति गति पकड़े हुए है।
विदित हो कि वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री ने 137 अरब डॉलर का निर्यात किया था। भारत की टॉप 6 आईटी कंपनियों का रेवेन्यू 60 अरब डॉलर से ऊपर है और इसमें 10 लाख से अधिक लोग रोजगाररत हैं। इन कंपनियों का अधिकांश राजस्व (रेवेन्यू) यानी करीब दो तिहाई हिस्सा पांरपारिक कारोबार अर्थात सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से आता है। भारतीय आईटी कंपनियां वर्तमान में फार्च्यून 500 कंपनियों में से दो तिहाई यानी करीब 330 कंपनियों को विभिन्न स्तर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं। डिजिटल सेवा बिजनेस की मांग दोहरे अंकों में बढ़ रही है।
वर्ष 2025 तक 25-30 लाख नए रोजगार होंगे सृजित
हालिया आकड़ों के अनुसार भारत में आईटी सेक्टर से प्रत्यक्ष रूप में लगभग 45 लाख और अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक करोड़ से अधिक पेशेवर जुड़े हुए हैं। कोरोना और लॉकडाउन के कारण ज्यादातर कर्मचारी फिलहाल वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आईटी सेक्टर में वर्ष 2025 तक 25-30 लाख नए रोजगार सृजित होंगे।
10 प्रतिशत तक की वृद्धि के साथ नई ऊंचाइयां छुएंगी आईटी कंपनियां
विशेषज्ञों का मानना है कि 10 प्रतिशत तक की वृद्धि के साथ आईटी कंपनियां नई ऊंचाइयां छुएंगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईटी सेक्टर के अनुभवीविशेषज्ञों का अनुमान है कि भारतीय आईटी सेक्टर के लिए वर्ष 2021 बेहद अच्छा रहने वाला है। इस सेक्टर की अधिकांश कंपनियों के कारोबार में 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। आईटी सेक्टर के निर्यात में करीब दो प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान भी जताया जा रहा है।
नासकॉम की रिपोर्ट में जताया गया है आईटी सेक्टर में बढ़ोत्तरी का अनुमान
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के उद्योग संगठन नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नासकॉम) की बीते दिनों जारी रिपोर्ट से भी इस बात की पुष्टि हुई है कि आईटी क्षेत्र में रोजगार बढ़ने का क्रम जारी है। नासकॉम ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के प्रकोप से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में आईटी क्षेत्र ही प्रमुख रूप से शुद्ध आधार पर नौकरियां देने वाला रहा है। इस दौरान उद्योग में 1.38 लाख नई नौकरियों के साथ रोजगार प्राप्त लोगों की कुल संख्या बढ़कर 44.7 लाख पर पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग की आमदनी वित्त 2.3 प्रतिशत बढ़कर 194 अरब डॉलर होने का अनुमान है। इसी तरह आईटी निर्यात के 1.9 प्रतिशत बढ़कर 150 अरब डॉलर तक रहने का अनुमान भी नासकॉम की रिपोर्ट में जताया गया है।