भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) और कोविड-19 पर केन्द्र सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स ने कोरोना के उपचार में अपने पुराने दिशा निर्देशों में संशोधन करते हुए प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल को हटाने की अनुशंसा की है।
पहले कोरोना के लक्षणों के सामने आने के सात दिनों के भीतर व्यस्क मरीजों पर इस पद्धति के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई थी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह पद्धति कोरोना रोग की गंभीरता को कम करने या कोरोना मरीजों की मौत को रोकने में कारगर नहीं पाई गई है।