हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषण को लेकर जारी वीडियो के मामले में 24 घंटे में मांगा जवाब
भड़काऊ भाषण (हेट
स्पीच) मामले में जेल में बंद जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की
मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को भी उन्हें जमानत
प्रदान नहीं की। अदालत ने सरकार से धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण को लेकर जारी
वीडियो के संदर्भ में 24 घंटे के अंदर
जवाब मांगा है।
आरोपी जितेन्द्र
नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को 17 से 19 दिसंबर को हरिद्वार में
आयोजित धर्म संसद में एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में
गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वह 13 जनवरी से जेल
में बंद हैं।
न्यायमूर्ति
रवीन्द्र मैठाणी की पीठ में इस मामले में सुनवाई हुई। आरोपी की ओर से अदालत को
बताया गया कि उनके खिलाफ षड्यंत्र के तहत अभियोग पंजीकृत किये गये हैं। उन्होंने
छह दिसंबर को धर्म परिवर्तन किया और हिन्दू धर्म अपना लिया। इसके बाद वह कुछ लोगों
के निशाने पर हैं और उनके खिलाफ हरिद्वार में नवम्बर से जनवरी के मध्य तीन अभियोग
पंजीकृत किये गये हैं।
याचिकाकर्ता की
ओर से यह भी कहा गया कि उन्होंने एक किताब लिखी है और 12 नवम्बर को उप्र और दिसंबर में हरिद्वार में उसका विमोचन
किया गया। इसी के बाद उनके खिलाफ अभियोग दर्ज हुए। आरोपी की ओर से आगे कहा गया कि
उनके खिलाफ जो आरोप लगाये गये हैं, वह गलत हैं। उनके
अभिभाषण के बाद देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।
सुनवाई के दौरान
अदालत के संज्ञान में आया कि धर्म संसद के बाद एक धर्म विशेष को लेकर उन्होंने
सोशल मीडिया में एक वीडियो जारी किया। इसी पर दो जनवरी को आरोपी के खिलाफ तीसरा
अभियोग पंजीकृत किया गया। इसके बाद अदालत ने सरकार से इस मामले में जवाब मांगा
लेकिन सरकार के पास कोई जवाब नहीं था।
अदालत ने सरकार
को निर्देश दिये कि प्राथमिकी दर्ज वीडियो के संदर्भ में 24 घंटे के अंदर जवाब पेश करे। इस मामले में मंगलवार को सुनवाई
होगी।