राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य के बिजली घरों के लिए कोयले की आपूर्ति के संबंध में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल से आज मुलाकात करेंगे।
गहलोत दोपहर में रायपुर में बघेल से मुलाकात करेंगे। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में थर्मल बिजली के उत्पादन के लिए जरूरी कोयले के लिए मुख्यतया छत्तीसगढ़ पर निर्भर है। केन्द्र सरकार ने राजस्थान को 2015 में 4 हजार 340 मेगावाट बिजली उत्पादन इकाईयों के लिए छत्तीसगढ़ के पारसा ईस्ट-कांटा बासन में 15 एमटीपीए तथा पारसा में 5 एमटीपीए क्षमता के कोल ब्लॉक आवंटित किये थे। इनमें से पारसा ईस्ट- कांटा बासन कोल ब्लॉक के प्रथम चरण में खनन इस महीने पूरा हो चुका है और यहां से राजस्थान को कोयले की आपूर्ति अब नहीं हो सकेंगी। जिससे बिजली संकट पैदा हो सकता है।
केन्द्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायू परिवर्तन मंत्रालय तथा कोयला मंत्रालय ने पारसा कॉल ब्लॉक से राजस्थान को कोयले की आपूर्ति के लिए आवश्यक स्वीकृतियां दे दी है। अब द्वितीय चरण में वन से संबंधित स्वीकृति छत्तीसगढ़ सरकार के समक्ष विचाराधीन है। राजस्थान का अधिकांश भू-भाग रैगिस्तानी है जहां बिजली उत्पादन के लिए ना तो हाईड्रो पावर उपलब्ध है और ना ही कोयला उपलब्ध है।
इस संदर्भ में राजस्थान के उच्च अधिकारी, छत्तीसगढ़ के अधिकारियों से सम्पर्क में थे और गहलोत की बघेल से भी इस बारें में वार्ता हुई।