दिल्ली भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में निर्माण मजदूरों के ऑनलाइन पंजीकरण में फर्जीवाड़े की आशंका जताते हुए निर्माण मजदूर अधिकार अभियान ने कहा है कि वास्तविक मजदूरों के अधिकारों और हितों को हड़पने की साजिश हो रही है।
निर्माण मजदूर अधिकार अभियान के संयोजक थानेश्वर दयाल आदिगौड़ ने बुधवार को यहां कहा कि बोर्ड के पोर्टल पर अभी तक 10 लाख से अधिक लोग पंजीकरण करा चुके हैं जबकि दिल्ली में निर्माण मजदूरों की संख्या लगभग 10 लाख ही है। इसका तात्पर्य है कि दिल्ली में प्रत्येक निर्माण मजदूर का पंजीकरण बोर्ड हो चुका है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बोर्ड के पंजीकरण के माध्यम से दिल्ली सरकार वाेट बैंक तैयार कर रही है। इससे बोर्ड अपने मूल उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पायेगा। बोर्ड में गैर निर्माण मजदूरों के पंजीकरण को बढावा दिया जा रहा है। इससे निर्माण मजदूरों के कल्याण कोष के दुरुपयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने पंजीकरण की वर्तमान प्रक्रिया में सुधार की मांग करते हुए कहा कि गैर निर्माण मजदूरों का पंजीकरण रद्द होना चाहिये।
आदिगौड ने कहा कि यह सच्चाई है कि शहर पर खड़े किसी भी ‘लेबर चौक’ या ‘कंस्ट्रक्शन साईट’ पर अभी भी हजारों निर्माण मजदूर है जिनका बोर्ड में पंजीकरण नहीं हुआ है। कुछ मजदूरों को तो इसकी जानकारी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि बोर्ड में पंजीकरण कराने वाले मजदूरों की जांच की जानी चाहिए। उन्होेंने आशंका जतायी कि बोर्ड में गैर मजदूरों और गैर निर्माण मजदूरों का का पंजीकरण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस तेज गति से बोर्ड में पंजीकरण के लिये आवेदन किये जा रहे है इस हिसाब से तो जल्दी ही दिल्ली में यह आँकड़ा 25-30 लाख से ऊपर पहुँच जायेगा ।