केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश 2021-21 के बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह बजट पूरे देश के विकास को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है और इसके प्रावधान, खासकर देश की संपूर्ण शिक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा।
डॉ निशंक ने कहा कि बजट में की गई घोषणाएं जैसे कि 15000 आदर्श विद्यालय बनाने, नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के लिए 50 हज़ार करोड़ आवंटन, एनजीओ और निजी स्कूलों के मिलकर 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाने, एकलव्य विद्यालयों की स्थापना, लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापन, इत्यादि सभी देश की शिक्षा तंत्र को भविष्य के लिए तैयार करेंगी।
उन्होंने कहा कि आदर्श विद्यालय योजना का उद्देश्य प्रत्येक ब्लॉक में एक प्राथमिक और एक प्रारंभिक विद्यालय और प्रत्येक जिले में एक माध्यमिक और एक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तैयार करना होगा, जो एक सुरक्षित शिक्षा का वातावरण जहां शिक्षा के अनुभवों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश की जाती है, और जहां शिक्षा के लिए अनुकूल, अच्छे बुनियादी ढाँचे और उपयुक्त संसाधन उपलब्ध होंगे। उन्होनें कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दृष्टि से अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने, सभी के लिए सुलभ और सस्ती बनाने के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत आदर्श विद्यालय योजना, केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय में उत्कृष्ट विद्यालय शुरू करने का प्रस्ताव है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस बजट में यह प्रस्तावित है कि एक प्राथमिक और एक प्रारंभिक विद्यालय प्रति ब्लॉक (7047 प्राथमिक और 7047 प्रारंभिक विद्यालय) और एक माध्यमिक और एक उच्च माध्यमिक प्रति जिला (729 माध्यमिक और 729 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय) मानदंडों के आधार पर चुना जाएगा और उन्हें पर्याप्त बुनियादी ढांचे और पूर्व-प्राथमिक स्तर पर बालवाटिका सहित गुणवत्ता के हस्तक्षेप, शिक्षकों की क्षमता निर्माण, शिक्षण सामग्री, आईसीटी और स्मार्ट कक्षा की सुविधाएं के लिए विशिष्ट वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा। कुल 15552 विद्यालयों को आदर्श विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा जिन्हें 4684 करोड़ रुपए (राज्य के हिस्से का समावेश) की अतिरिक्त धनराशि, समग्र शिक्षा योजना के एक घटक के रूप में प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) के लिए प्रस्तावित 50 हज़ार करोड़ रुपए के आवंटन पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक बड़ी और जीवंत अर्थव्यवस्था को विकसित करने तथा बनाए रखने में ज्ञान सृजन एवं अनुसंधान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इससे न केवल समाज का उत्थान होता है बल्कि राष्ट्र को सतत रूप से और भी अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने में प्रेरणा भी मिलती है।
उन्होनें कहा कि आत्मनिर्भर भारत के बजट ने एनआरएफ को महत्व दिया है जो चिन्हित राष्ट्रीय प्राथमिकताओं वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ देश में समग्र अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना सुनिश्चित करेगा।