दिल्ली पुलिस ने जुलूस निकाल रहे दो हजार से ज्यादा रिजिडेंट डॉक्टरों को सोमवार शाम हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने जिस समय डॉक्टरों को हिरासत में लिया, उस समय वे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया के घर की ओर जा रहे थे। डॉक्टर मंडाविया के आवास के सामने प्रदर्शन करना चाह रहे थे। प्रदर्शनकारी डॉक्टर सफदरजंग अस्पताल से श्री मंडाविया के आवास पर जाने के लिए निकले थे, लेकिन सफदरजंग अस्पताल से थोड़ी ही दूर पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को सरोजनी नगर थाने में रखा गया है।
डॉक्टरों ने पुलिस पर बर्बरता करने का आरोप लगाया। डॉक्टरों का कहना है कि कई प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को पीटा गया, धक्का दिया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। महिला चिकित्सकों ने यह भी आरोप लगाया कि पुरुष पुलिस कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने कहा, "हम सुबह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। दिल्ली पुलिस के बल प्रयोग ने इसे हिंसक बना दिया। हमारे कई डॉक्टर अपराह्न में पुलिस की बर्बरता का शिकार हो गए। हम अपने स्वास्थ्य मंत्री को यह बताने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमे जाने नहीं दिया। हमें थाने में हिरासत में ले लिया।"