बॉलीवुड के जाने-माने चरित्र अभिनेता डैनी आज 74 वर्ष के हो गये।
25 फरवरी 1948 को जन्में डैनी बचपन के दिनों में सेना मे काम करना चाहते थे। डैनी ने पश्चिम बंगाल से सर्वश्रेष्ठ कैडेट का पुरस्कार जीता और गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में भाग भी लिया। बाद में देश के प्रतिष्ठित आर्म फोर्सेज मेडिकल कॉलेज पुणे में उनका चयन भी हो गया लेकिन उन दिनों उनका मन चिकित्सक बनने की बजाय किसी अभिनेता बनने की ओर हो गया और उन्होने पुणे फिल्म इंस्टीच्यूट में अभिनय के प्रशिक्षण के लिये दाखिला ले लिया। अभिनय का प्रशिक्षण लेने के बाद डैनी ने अपने सिने कैरियर की शुरूआत नेपाली फिल्म सलिनो से की जो टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। इस बीच उन्होंने नेपाली फिल्मों के लिए पाश्र्वगायन भी किया।
सत्तर के दशक में अभिनेता बनने का सपना लिए डैनी, मुंबई आ गए। अपने वजूद को तलाशते वह लगभग 3 वर्ष तक संघर्ष करते रहे। इस बीच उन्होंने रॉखी और हथकड़ी, मिलाप, जरूरत, नया नशा, नई दुनिया नए लोग, चालाक और खून-खून जैसी कई बी ग्रेड फिल्मों में काम किया लेकिन ये सभी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। इस बीच उन्हें गुलजार की सुपरहिट फिल्म 'मेरे अपने' में छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला।
वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म धुंध बतौर अभिनेता डैनी के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसे दबंग अपाहिज व्यक्ति का किरदार निभाया, जो अपनी पत्नी पर जुल्म करता है और उसे शक की नजर से देखता है। ठाकुर रंजीत सिंह के किरदार को सधे हुए अंदाज के साथ पेश कर वह दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे।