शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (शिअदद) ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) पर उसके अधीन चल रहे शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों को प्रताड़ित करने और उन्हें आठ महीने से अधिक समय से वेतन नहीं देने का आरोप लगाते हुये इसकी निंदा की है।
शिअदद के महासचिव गुरमीत सिंह शंटी ने यहां शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मौजूदा कमेटी की ओर से शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है। इस कारण तीन कॉलेजों के कर्मचारी अपनी समस्याओं को लेकर पार्टी प्रधान परमजीत सिंह सरना के पास पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि सरना और हमने कर्मचारियों की शिकायतों को दूर करने के लिये कानूनी सहायता सहित हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
इस दौरान शंटी ने खुलासा करते हुये बताया कि मौजूदा समय में कमेटी में काबिज बादल दल ने गुरु नानक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पंजाबी बाग, गुरु नानक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, पंजाबी बाग और गुरु हरगोबिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग के कमर्चारियों को पिछले आठ महीनों से वेतन नहीं दिया है। इतना ही नहीं, बल्कि अब प्रबधंन की तरफ से गुंडागर्दी भी की जा रही है, जिससे तंग आकर स्टाफ ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों का वेतन 30 से 35 हजार था उन्हें केवल 15 हजार रुपये दिये जा रहे हैं जो ईमानदारी से मेहनत करने वाले कर्मचारियों की जिंदगी के साथ मजाक है।
शंटी ने कहा कि डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को कमेटी के कॉलेजों के कर्मचारियों के प्रति कोई दर्द या चिंता नहीं है। यही कारण है कि दो कॉलेज जो उनके घर से चंद पांच मिनट की दूरी पर हैं जहां कोई पैदल चलकर भी जा सकता है, लेकिन उनके पास वहां के कर्मचारियों की समस्या हल करने का समय नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिरसा का ध्यान केवल राजनीतिक लाभ पर है, जिसके तहत उनका राजनीतिक नाटक चलता रहता है।