कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर जमीन खरीद में लोगों की आस्था के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि दलितों की भूमि पर कब्जा करने के साथ ही कम मूल्य पर खरीदी गई जमीन महंगे दाम पर ट्रस्ट को बेची गई है। इसलिए इस पूरे प्रकरण की उच्चतम न्यायालय की देखरेख में जांच होनी चाहिए।
वाड्रा ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भगवान राम मर्यादा और नैतिकता के प्रतीक थे। भगवान राम ने बड़ा बलिदान इसलिए दिया क्योंकि उन्होंने सत्य के पथ पर चलने का निर्णय लिया लिया था लेकिन अब उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। पूरे देश की आस्था को ठुकरा कर उसे चोट पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के लोगों की भगवान राम के प्रति गहरी आस्था है इसलिए देश के लगभग हर घर ने राम मंदिर ट्रस्ट को कुछ न कुछ दान दिया है। घर-घर जाकर प्रचार भी किया गया। अपनी आस्था के कारण गरीब परिवार और महिलाओं ने अपनी बचत से चंदा दिया है। यह भक्ति की बात है और इसके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां तक कि दलितों की जो जमीन खरीदी नहीं जा सकती थी उसे भी खरीदा और हड़पी गया है।
वाड्रा ने कहा कि जमीन के कुछ हिस्सा कम मूल्य के थे लेकिन उस जमीन को ट्रस्ट को बहुत अधिक कीमत पर बेचा गया। इससे साफ है कि मंदिर निर्माण के लिए दान के माध्यम से हासिल की गई जमीन में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। ट्रस्ट को जमीन बेचकर भारी धन अर्जित किया गया है। इसका मतलब है कि राम मंदिर के लिए चंदा के पैसे के साथ घोटाला किया गया है।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट के लिए भूमि की खरीद में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में होनी चाहिए।